Punjab government: पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में साफ ऊर्जा को विकास का आधार बनाते हुए एक नई मिसाल कायम की है. पर्यावरण संरक्षण और युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य में कई योजनाएं शुरू की गई हैं. इन्हीं में से एक है नाभा पावर लिमिटेड (एनपीएल) की ₹641 करोड़ की हाइब्रिड बिजली परियोजना, जो सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा के साथ 500 नई नौकरियां भी पैदा करेगी.
लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी नाभा पावर लिमिटेड ने पटियाला के राजपुरा में 1,400 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ने की योजना शुरू की है. यह परियोजना दिसंबर 2025 तक शुरू होकर 2026 तक पूरी हो जाएगी. इससे प्रदूषण में 15 प्रतिशत कमी आएगी और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ 25 साल का समझौता राज्य को लगातार सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगा.
राजपुरा का थर्मल प्लांट पहले से पंजाब की बिजली जरूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करता है. अब सौर ऊर्जा के जुड़ने से यह संयंत्र पर्यावरण के लिए और अनुकूल बनेगा। 2025 में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने एनपीएल को पर्यावरण संरक्षण के लिए सम्मानित किया था, जो इस परियोजना की हरित प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है.
सरकार ने 66 नए सौर संयंत्रों की योजना बनाई है, जिससे दिसंबर 2025 तक 264 मेगावाट बिजली पैदा होगी. इससे हर साल 40 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी और कृषि सब्सिडी में 176 करोड़ रुपये की बचत होगी. पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी ने आईआईएससी, बेंगलुरु के साथ पराली से हाइड्रोजन ईंधन बनाने की परियोजना भी शुरू की है. इसके अलावा नहरों पर सौर परियोजनाएं, फाजिल्का और फिरोजपुर में सौर फार्म और 4,000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सौर पैनल लगाने जैसी योजनाएं चल रही हैं.
अब तक 815.5 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाए जा चुके हैं और हजारों आवेदन लंबित हैं. रूफटॉप सोलर से 63.5 मेगावाट संयंत्र तैयार हो चुके हैं. साथ ही 5,000 करोड़ रुपये की बिजली ढांचा योजना अगले साल तक कटौती की समस्या खत्म करने का लक्ष्य रखती है. इन परियोजनाओं से अब तक 2,000 से अधिक नौकरियां बनी हैं और 2025 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी.
ऊर्जा मंत्री अमान अरोड़ा ने कहा कि नाभा पावर की यह परियोजना हरित क्रांति की दिशा में बड़ा कदम है. वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि यह पहल न सिर्फ रोजगार और निवेश लाएगी बल्कि पंजाब को देश का “ग्रीन इंजन” बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.