पंजाब में तेजी से हो रही 'वतन वापसी', अब तक के सबसे कम 3.50 लाख पासपोर्ट हुए दर्ज़

Bhagwant Mann: विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में पंजाब में पासपोर्ट आवेदनों में पिछले एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. यह बदलाव केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब के युवाओं की सोच और उनके भविष्य के प्रति दृष्टिकोण में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है.

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Bhagwant Mann: पंजाब जिसकी पहचान कभी विदेशों की ओर पलायन करने वाले युवाओं की लंबी कतारों से थी, आज एक नए युग की शुरुआत कर रहा है. भगवंत मान सरकार की 'वतन वापसी' पहल ने न केवल युवाओं को विदेश जाने से रोका, बल्कि उनके सपनों को अपनी मिट्टी पर साकार करने का विश्वास भी दिलाया.

विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में पंजाब में पासपोर्ट आवेदनों में पिछले एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. यह बदलाव केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब के युवाओं की सोच और उनके भविष्य के प्रति दृष्टिकोण में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है.

पासपोर्ट आवेदनों में ऐतिहासिक कमी

विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी 2025 से 30 जून 2025 तक पंजाब में प्रतिदिन औसतन 1,978 पासपोर्ट आवेदन प्राप्त हुए. यह संख्या पिछले कई वर्षों में सबसे कम है. इस दौरान कुल 3.50 लाख पासपोर्ट बनाए गए, और यदि यही रुझान साल के अंत तक जारी रहा, तो 2025 में कुल पासपोर्ट की संख्या 7.50 लाख तक पहुंच सकती है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम होगी.

यह आंकड़ा न केवल पासपोर्ट आवेदनों में कमी को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि पंजाब के युवा अब विदेश के बजाय अपने वतन में ही अवसर तलाश रहे हैं. इसके साथ ही, विदेशों से वापस लौटने वाले युवाओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. 'वतन वापसी' सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक और भावनात्मक आंदोलन बन चुका है, जो पंजाब के युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ रहा है.

भगवंत मान सरकार की नीतियों का जादू

आम आदमी पार्टी (आप) की भगवंत मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद 'वतन वापसी' को न केवल एक नारा बनाया, बल्कि इसे हकीकत में बदलने के लिए ठोस कदम उठाए. सरकार की नीतियों ने युवाओं में यह विश्वास जगाया कि उनकी मेहनत और प्रतिभा का सही मूल्यांकन अब उनके अपने राज्य में ही संभव है. 

1. पारदर्शी सरकारी नौकरियां

मान सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाई. अब तक 50,000 से अधिक सरकारी नौकरियां बिना किसी सिफारिश या रिश्वत के दी गई हैं. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. युवाओं को अब यह भरोसा है कि उनकी योग्यता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है. इस पारदर्शी प्रक्रिया ने नौजवानों का सरकारी व्यवस्था में खोया हुआ विश्वास वापस लौटाया.

2. 'इन्वेस्ट पंजाब' के जरिए निजी क्षेत्र में अवसर

'इन्वेस्ट पंजाब' पहल के तहत सरकार ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों को पंजाब की ओर आकर्षित किया. पॉलीकॉप जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड अब पंजाब में अपने प्लांट स्थापित कर रहे हैं, जिससे निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं. इसने न केवल पंजाब में निवेश का नया दौर शुरू किया, बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही आकर्षक करियर विकल्प प्रदान किए.

3. एनआरआई के लिए विशेष पहल

पंजाब सरकार ने अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के प्रति अपनी नीति को पूरी तरह से बदल दिया. पहले एनआरआई को केवल 'धन दाता' के रूप में देखा जाता था, लेकिन उनकी समस्याओं, खासकर जमीन विवादों, पर ध्यान नहीं दिया जाता था.

मान सरकार ने 'एनआरआई मिलनी' और विशेष डेस्क जैसे कदम उठाकर एनआरआई को यह भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान उनकी अपनी सरकार करेगी. इसने न केवल एनआरआई को वापस लौटने के लिए प्रेरित किया, बल्कि उनकी पूंजी को पंजाब के विकास में निवेश करने के लिए भी प्रोत्साहित किया.

'वतन वापसी' एक भावनात्मक और आर्थिक क्रांति

'वतन वापसी' सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि एक भावनात्मक आंदोलन है. यह उन युवाओं की कहानी है, जो कभी विदेशों में अपनी किस्मत आजमाने का सपना देखते थे, लेकिन अब अपनी मिट्टी में ही अपने भविष्य को संवार रहे हैं. यह उन एनआरआई की कहानी है, जो दशकों बाद अपने वतन लौट रहे हैं और पंजाब के विकास में योगदान दे रहे हैं.

मान सरकार ने इस पहल को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए कई कदम उठाए. शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ सरकार ने युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किए. इन प्रोग्राम्स ने न केवल युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया. 

युवाओं की सोच में बदलाव

पंजाब के युवा अब यह मानने लगे हैं कि विदेश जाना ही सफलता का एकमात्र रास्ता नहीं है. जब उनके अपने राज्य में ही मान-सम्मान, रोजगार, और अवसर उपलब्ध हैं, तो विदेश की ओर रुख करने की आवश्यकता क्यों? 'वतन वापसी' ने न केवल विदेशों से लौटने वालों की संख्या बढ़ाई, बल्कि उन युवाओं को भी प्रेरित किया, जो विदेश जाने की तैयारी में थे. अब वे पंजाब में ही अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं.

रिवर्स माइग्रेशन पंजाब का नया चेहरा

'वतन वापसी' ने पंजाब में 'रिवर्स माइग्रेशन' की लहर शुरू की है. यह वह दौर है, जब युवा न केवल विदेशों से लौट रहे हैं, बल्कि अपने साथ अनुभव, पूंजी, और नए विचार भी ला रहे हैं. यह पंजाब के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक सुनहरा अवसर है. मान सरकार ने इस अवसर को पहचाना और इसे साकार करने के लिए हर संभव प्रयास किया. पंजाब में हो रहे इस बदलाव ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को भी पुनर्जनन दिया. 'रंगला पंजाब' का सपना अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक हकीकत बन रहा है. 

भविष्य की राह

भगवंत मान सरकार की 'वतन वापसी' पहल ने पंजाब को एक नई दिशा दी है. यह सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रांति है, जो पंजाब के युवाओं को उनके वतन से जोड़ रही है. यह एक ऐसी कहानी है, जो न केवल आर्थिक विकास की बात करती है, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक एकता की भी बात करती है. पंजाब अब केवल 'ब्रेन ड्रेन' का शिकार नहीं है.

यह एक ऐसा राज्य बन रहा है, जो अपने युवाओं को अवसर, सम्मान, और एक सुनहरा भविष्य दे रहा है. 'वतन वापसी' ने पंजाब के खोए हुए गौरव को वापस लाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है. यह पहल भविष्य में पंजाब की पहचान को फिर से परिभाषित करेगी और इसे एक बार फिर से भारत का सबसे जीवंत और समृद्ध राज्य बनाएगी.

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