सीएम मान के दिशा निर्देशों और प्रयासों के तहत निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है पंजाब

पंजाब की सांस्कृतिक विरासत और आतिथ्य भी इसकी खासियत है. यहां आने वाले उद्योगपति न सिर्फ कारोबारी माहौल बल्कि एक समृद्ध संस्कृति का अनुभव भी करते है.

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Courtesy: AAP

चंडीगढ़: देश के आर्थिक मानचित्र पर पंजाब एक बार फिर अपनी मज़बूत पहचान बना रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य ने खुद को निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया है. देश-विदेश के उद्योगपति अब पंजाब की ओर रुख कर रहे है और यहां अपने कारोबार का विस्तार करने में दिलचस्पी दिखा रहे है. यह बदलाव महज़ संयोग नहीं, बल्कि राज्य सरकार की दूरदर्शी नीतियों और ज़मीनी स्तर पर किए गए सुधारों का नतीजा है.

पंजाब की सबसे बड़ी ताकत इसकी भौगोलिक स्थिति है. दिल्ली से सटा होना और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित होने के कारण यह राज्य व्यापार के लिए एक प्राकृतिक गेटवे बन गया है. यहां से माल को उत्तर भारत के किसी भी कोने तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है. अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और मोहाली जैसे शहर औद्योगिक केंद्रों के रूप में तेज़ी से विकसित हो रहे है. राष्ट्रीय राजमार्गों का घना नेटवर्क और आधुनिक रेलवे कनेक्टिविटी ने पंजाब को लॉजिस्टिक्स का हब बना दिया है.

उद्योगों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने उठाए कई महत्वपूर्ण कदम

राज्य सरकार ने उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए है. सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया गया है, जिससे निवेशकों को एक ही जगह पर सारी मंजूरी मिल जाती है. पहले जहां लाइसेंस और परमिशन लेने में महीनों लग जाते थे, वहीं अब यह काम कुछ हफ्तों में निपट जाता है. भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को खत्म करने के प्रयासों ने कारोबारियों का भरोसा जीता है. सरकार ने यह साफ संदेश दिया है कि पंजाब में व्यापार करना अब आसान और सुरक्षित है.

कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद पंजाब अब अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता दे रहा है. खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है. मोहाली का आईटी पार्क युवा प्रतिभाओं को रोज़गार दे रहा है और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां यहां अपने कार्यालय खोल रही है. लुधियाना की साइकिल और ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है. जालंधर के खेल सामान और चमड़ा उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह पक्की कर ली है.

मेहनतकश और कुशल लोग हैं पंजाब की सबसे बड़ी संपत्ति

पंजाब की सबसे बड़ी संपत्ति इसके मेहनतकश और कुशल लोग है. यहां की आबादी में युवाओं की संख्या अच्छी-खासी है और वे नए कौशल सीखने को तैयार है. सरकार ने स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों पर ज़ोर दिया है, जिससे उद्योगों को प्रशिक्षित कर्मचारी मिल रहे है. पंजाबियों की उद्यमशीलता की भावना तो विश्वविख्यात है ही. छोटे कारोबार से लेकर बड़े उद्योग तक, यहां के लोग जोखिम लेने से नहीं डरते. यही वजह है कि नए उद्योगों को यहां अनुकूल माहौल और सहयोगी स्थानीय समुदाय मिलता है.

बिजली और पानी की उपलब्धता किसी भी उद्योग के लिए ज़रूरी है और पंजाब इस मोर्चे पर मजबूत स्थिति में है. राज्य में बिजली की आपूर्ति लगातार सुधर रही है और औद्योगिक इकाइयों को प्राथमिकता के आधार पर बिजली दी जा रही है. भूजल संसाधन भी पर्याप्त है, हालांकि सरकार जल संरक्षण को लेकर गंभीर है. सड़क, रेल और हवाई परिवहन की बेहतर सुविधाओं ने पंजाब को देश के दूसरे हिस्सों से अच्छी तरह जोड़ दिया है. अमृतसर और चंडीगढ़ के हवाई अड्डों से देश-विदेश की सीधी उड़ानें है.

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने शुरू की कई लुभावनी योजनाएं 

राज्य सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई लुभावनी योजनाएं शुरू की है. ज़मीन सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही है और टैक्स में छूट दी जा रही है. नए उद्योगों को शुरुआती सालों में बिजली सब्सिडी मिलती है. निर्यात आधारित इकाइयों के लिए विशेष पैकेज बनाए गए है. सरकार ने औद्योगिक पार्कों का विकास किया है जहां सभी सुविधाएं पहले से मौजूद है. इन पार्कों में उद्योग लगाने वाले कारोबारियों को बुनियादी ढांचे की चिंता नहीं करनी पड़ती. यह व्यावहारिक दृष्टिकोण निवेशकों को काफी पसंद आ रहा है.

पंजाब की सांस्कृतिक विरासत और आतिथ्य भी इसकी खासियत है. यहां आने वाले उद्योगपति न सिर्फ कारोबारी माहौल बल्कि एक समृद्ध संस्कृति का अनुभव भी करते है. स्वर्ण मंदिर की पवित्रता, वाघा बॉर्डर का जोश और पंजाबी खाने की सुगंध हर किसी को मोह लेती है. शांति और सुरक्षा की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है. पर्यटन उद्योग भी विकसित हो रहा है जो अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे व्यवसायों को बढ़ावा दे रहा है. होटल, रेस्तरां और सेवा क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे है.

पंजाब की यह सफलता की कहानी अभी शुरुआत भर है. राज्य सरकार ने आगामी पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य रखा है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों में पंजाब की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. युवाओं के लिए रोज़गार सृजन और किसानों की आय बढ़ाने में औद्योगिक विकास की अहम भूमिका है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दशक में पंजाब देश के शीर्ष पांच औद्योगिक राज्यों में शुमार हो सकता है. यह परिवर्तन न सिर्फ आर्थिक समृद्धि लाएगा बल्कि पंजाब के लोगों के जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाएगा.

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