वित्तीय प्रबंधन और कर प्रशासन के क्षेत्र में अपनी मजबूती का प्रदर्शन करते हुए, पंजाब ने इस वित्त वर्ष में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. राज्य की शुद्ध जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) प्राप्तियों में अप्रैल से अक्टूबर 2025 की अवधि के दौरान 21.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक है, जो पंजाब की अर्थव्यवस्था की पुनरुद्धार क्षमता और प्रशासनिक कुशलता को दर्शाती है.
21.5 प्रतिशत की वृद्धि दर
राज्य के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं और जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत हाल ही में की गई कर दरों की कटौती के बावजूद राज्य ने राजस्व संग्रह में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.
मंत्री के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच पंजाब को शुद्ध जीएसटी राजस्व के रूप में 15,683.59 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 12,907.31 करोड़ रुपये था. इस प्रकार राज्य को 2,776 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति हुई है. इसके विपरीत, अक्टूबर 2024 तक वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर मात्र 3.8 प्रतिशत रही थी.
वहीं, अक्टूबर 2025 माह के लिए पंजाब की शुद्ध जीएसटी प्राप्ति 2,359.16 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष अक्टूबर के 2,061.23 करोड़ रुपये की तुलना में 298 करोड़ रुपये अधिक है. यह वृद्धि उस समय हुई है जब सितंबर 2025 में जीएसटी 2.0 लागू किया गया था, जिसमें कई उत्पादों और सेवाओं पर कर दरों में कटौती की गई थी.
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि "कर दरों में कटौती और बाढ़ जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, पंजाब की जीएसटी आय में यह उल्लेखनीय उछाल बेहतर कर अनुपालन, कर चोरी पर नियंत्रण और डिजिटल निगरानी तंत्र की प्रभावशीलता का परिणाम है." उन्होंने बताया कि राज्य की 21.5 प्रतिशत की वृद्धि दर, राष्ट्रीय औसत 7 प्रतिशत से कहीं अधिक है, जिससे पंजाब उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है.
फर्जी बिलिंग पर सख्ती जारी
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि अक्टूबर 2025 तक के एसजीएसटी और आईजीएसटी पोस्ट-सेटलमेंट आंकड़े पंजाब की वित्तीय मजबूती को और पुख्ता करते हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा को छोड़कर सभी पड़ोसी राज्यों की तुलना में पंजाब की जीएसटी वृद्धि दर अधिक रही है. यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस अवधि में राज्य के लगभग आधे जिले भीषण बाढ़ से प्रभावित थे.
चीमा ने इस प्रदर्शन का श्रेय आबकारी और कर विभाग की सुदृढ़ डेटा विश्लेषण प्रणाली, डिजिटल एकीकरण, सख्त फील्ड प्रवर्तन और रणनीतिक दृष्टिकोण को दिया. उन्होंने विभाग की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि ईमानदार करदाताओं के लिए कर अनुपालन को और आसान बनाया जाएगा, जबकि कर चोरी और फर्जी बिलिंग पर सख्ती जारी रहेगी.
पंजाब सरकार का यह प्रदर्शन संकेत देता है कि राज्य न केवल वित्तीय रूप से सशक्त बन रहा है, बल्कि राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शी कर प्रशासन के माध्यम से दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की दिशा में भी अग्रसर है.