आज मनाया जा रहा देवउठनी एकादशी , जानें पूजा करने का शुभ मुहूर्त और इसके महत्व

हिंदू मान्यताओं में एकादशी के दिन का खास महत्व है. आज से शादी और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है. श्रावण महीने से पहले कार्तिक माह तक इन मांगलिक कार्यों पर रोक होता है. इस दौरान किसी भी शुभ काम की शुरुआत नहीं की जाती है. 

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Courtesy: Social Media

Dev Uthani Ekadashi 2024: आज हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार देवउठनी मनाया जा रहा है. जिसे आम भाषा में एकादशी भी कहा जाता है. कहा जाता है कि आज के दिन ही भगवान विष्णु अपनी नींद से जागते हैं. कहा जाता है कि इस दिन देवी-देवता जागरण करते हैं. आज के दिन को हिंदू धर्म में काफी शुभ माना गया है. इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. 

हिंदू मान्यताओं में आज के दिन का खास महत्व है. आज से शादी और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है. श्रावण महीने से पहले कार्तिक माह तक इन मांगलिक कार्यों पर रोक होता है. इस दौरान किसी भी शुभ काम की शुरुआत नहीं की जाती है. 

व्रत और पारण का समय 

पंचाग के मुताबिक  इस साल एकादशी का त्योहार 11 नवंबर की शाम 6 बजकर 46 मिनट से शुरू हो चुकी है. जिसका समापन 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर होना है. ऐसे में व्रत करने वाले लोग 12 नवंबर को सुबह पूजा-पाठ कर के व्रत की शुरुआत करेंगे. वहीं इस व्रत का पारण 13 नवंबर को सुबह  6 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक किया जा सकता है. इस दिन को व्रत करने के लिए काफी नियम है. इस त्योहार के दौरान शुद्धी पर बहुत ध्यान दी जाती है. इस दिन स्नान कर के आप शुद्ध वस्त्र पहनें. जिसके बाद भगवान विष्णु और मताा लक्ष्मी की विशेष पूजा करें. खास बात यह है कि इस दिन विष्णु-लक्ष्मी के साथ-साथ माता तुलसी की भी पूजा की जाती है. 

एकादशी के महत्व

एकादशी के दिन आपको सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दिन खाने में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. रात के समय में जागरण करना चाहिए. इसका विशेष महत्व माना जाता है. अगर संभव हो तो घर में पूरी रात भजन-कीर्तन करनें. क्योंकि ये रात विष्णु देव की जागने की रात कही जाती है. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देना भी काफी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं गरीबों को वस्त्र और खाने की वस्तु दान करने से आपके घर का भंडारा हमेशा भरा रहता है. जो भी व्यक्ति इस व्रत को साफ मन से और शुद्धता के साथ करता है उसके जीवन में खुशी और समृद्धि बनी रहती है. 

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