Rudraksh: क्यों पहनना चाहिए रुद्राक्ष, जानिए वैज्ञानिक कारण

रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार के पेड़ का बीज है जिसको पहनने से चमत्कारी लाभ होते हैं। इलाओकार्पस गैनिट्रस नाम के पेड़ का बीज रुद्राक्ष कहा जाता है जिसे आध्यात्मिक साधना के लिए प्रयोग किया जाता है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं  जिनमें एक मुखी रुद्राक्ष ओर पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे शुभ माने गए हैं। रुद्राक्ष […]

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रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार के पेड़ का बीज है जिसको पहनने से चमत्कारी लाभ होते हैं। इलाओकार्पस गैनिट्रस नाम के पेड़ का बीज रुद्राक्ष कहा जाता है जिसे आध्यात्मिक साधना के लिए प्रयोग किया जाता है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं  जिनमें एक मुखी रुद्राक्ष ओर पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे शुभ माने गए हैं।

रुद्राक्ष जिस विशेष पेड़ से पाया जाता है वो पेड़ पहाड़ी क्षेत्रों में खास उचाई पर होते हैं। रुद्राक्ष के पेड़ की लकड़ी बहुत ही टिकाऊ और मजबूत होती है जिसकी वजह से इस पेड़ की लकड़ी का बड़ी मात्रा में अन्य कार्यों में प्रयोग किया जा रहा है और यही कारण है की रुद्राक्ष के पेड़ अब बहुत कम देखने को मिलते हैं। आज के समय में ज़्यादातर रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। रुद्राक्ष लेते समय बेहद सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि आजकल नकली रुद्राक्ष बाजार में खुलेआम बिक रहे हैं और सामान्य लोग इसे पहचान नहीं पाते। सबसे अच्छी गुणवत्ता के रुद्राक्ष हिमालय में एक ऊँचाई के बाद मिलते हैं क्योंकि मिट्टी वातावरण और हर चीज़ का प्रभाव इस पर पड़ता है।

रुद्राक्ष धारण करने से पहले व्यक्ति को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। बाजार से कोई भी रुद्राक्ष खरीद कर कभी भी नहीं पहन लेना चाहिए। ऐसा करना आप के लिए हानिकारक हो सकता है।

एक मुखी रुद्राक्ष उन लोगों को पहनना चाहिए जो संन्यास ले रहे होँ या ले चुके होँ क्योंकि एक मुखी रुद्राक्ष आपको ऐसी ऊर्जा देता है जिससे आप अकेले होना चाहते हैं। पंचमुखी रुद्राक्ष एक मुखी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। पंचमुखी रुद्राक्ष खासतौर पर उन लोगों के लिए लाभदायक है जो घर परिवार में रहते हैं। ये आपके ब्लड प्रेशर को कम करता है और आप की तंत्रिकाओं को शांत करता है।

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