Bhagwant Singh Mann: पंजाब सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने इन वीरों के सम्मान में कई कदम उठाए हैं. स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वारिसों की पेंशन को बढ़ाकर 11,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. यह कदम न केवल उनके बलिदान को सम्मान देता है, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक मदद भी सुनिश्चित करता है.
स्वतंत्रता संग्रामी मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि पहले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों को 9,400 रुपये मासिक पेंशन दी जाती थी. लेकिन मान सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 11,000 रुपये कर दिया है. इस बढ़ोतरी से न केवल परिवारों का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि यह सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है. श्री भगत ने कहा, "यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन वीरों का सम्मान करें, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी."
पंजाब के स्वतंत्रता सेनानियों ने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में अद्वितीय योगदान दिया. उनकी हिम्मत और बलिदान ने देश को आज़ादी दिलाई. मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि पंजाबी वीरों की कहानियाँ आज भी हमें प्रेरित करती हैं. ये योद्धा न केवल हमारे इतिहास का हिस्सा हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देशभक्ति की मिसाल भी हैं. उनकी वीरता ने पंजाब को स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी बनाया. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की है. उनकी सोच है कि इन वीरों और उनके परिवारों की सेवा करना सरकार का परम कर्तव्य है. श्री भगत ने कहा, "मुख्यमंत्री मान का मानना है कि स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. उनकी बदौलत ही हम आज़ादी की साँस ले रहे हैं." सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन परिवारों को हर संभव सहायता मिले.
पंजाब सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है. पेंशन वृद्धि के अलावा, सरकार समय-समय पर इन परिवारों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए भी प्रयासरत है. यह कदम न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि समाज में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना को भी बढ़ाता है. स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान देश के लिए एक अनमोल धरोहर है. उनकी कहानियाँ नई पीढ़ी में देशभक्ति और समर्पण का जज़्बा जगाती हैं. पंजाब सरकार का यह कदम स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है. यह न केवल उनके परिवारों की मदद करता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि देश के लिए बलिदान देने वालों को कभी भुलाया नहीं जाता.