Sawan Purnima: कल है सावन अधिक मास की पूर्णिमा, सुख समृद्धि के लिए करें ये उपाय, दूर होगी सभी परेशानी

Sawan Purnima: सावन की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से शुरु हो चुकी है. वैसे तो सावन का महीना पावन तो होता ही हैं लेकिन इस माह में अधिक मांस भी लग रहा है इसलिए यह और खास हो गया है.अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से शुरू हुई थी जो 16 अगस्त को समाप्त हो […]

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Sawan Purnima: सावन की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से शुरु हो चुकी है. वैसे तो सावन का महीना पावन तो होता ही हैं लेकिन इस माह में अधिक मांस भी लग रहा है इसलिए यह और खास हो गया है.अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से शुरू हुई थी जो 16 अगस्त को समाप्त हो जाएगी. इस माह की पूर्णिमा कल है. कहा जाता है कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर कुछ कार्यों को करने से सुख समृद्धि का सौभाग्य प्राप्त होता है.

सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि कल यानी 1 अगस्त को है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान पुण्य करने से व्यक्ति की सभी परेशानी दूर हो जाती है साथ ही उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इस शुभ दिन पर कुछ अचूक उपाय करने से सुख समृद्धि का सौभाग्य प्राप्त होता है तो चलिए ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार मिश्रा से इन उपायों के बारे में जानते हैं.

सावन अधिक पूर्णिमा व्रत 2023-

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को पूर्णिमा मनाया जाता है. 1 अगस्त 2023 को सुबह 3 बजकर 51 मिनट पर पूर्णिमा की तीथि शुरु हो रही है. वहीं इसका समापन अगले दिन यानी 2 अगस्त 2023 को मध्य रोत्रि 12 बजे होगा. पूर्णिमा का व्रत 1 अगस्त दिन मंगलवार को रखा जाएगा.

पूर्णिमा पर करें ये प्रभावशाली उपाय-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियां चाहते हैं तो सावन अधिक मास की पूर्णिमा तिथि पर व्रत रखें. इस दौरान पीपल के वृक्ष के जड़ में जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं.

धर्म शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा का व्रत भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा के लिए महत्व माना गया है. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.

जिन लोगों के दांपत्य जीवन में परेशानी आ रही है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मिठास आता है.

जिन नव युवक और युवती के विवाह में विघ्न आ रही है उन्हें पूर्णिमा के दिन पूरे विधि विधान से माता गौरी की आराधना करनी चाहिए.