Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा के साथ आज साल का सबसे पावन माह खत्म हो जाएगा. इस दिन का हिंदू धर्म के ग्रंथों में काफी महत्व है. इस दिन को स्नान कर के भगवान की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से आपके सारे रोग खत्म हो जाते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है. हालांकि इस दिन कुछ चीजों के करने पर मनाही होती है. जिससे जानना बेहद जरुरी है.
कार्तिक माह की पूर्णिमा को विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त है. इसे देव दिवाली भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था. इस विजय के बाद भगवान शिव त्रिपुरारी के नाम से प्रसिद्ध हुए और उन्हें यह नाम भगवान विष्णु ने दिया था. त्रिपुरासुर की मृत्यु के बाद देवताओं ने दीप जलाकर दिवाली मनाई, जो इस दिन को "देव दिवाली" के रूप में मनाए जाने का कारण बनी. इस दिन के महत्व को समझते हुए, इसे श्रद्धापूर्वक मनाना चाहिए, लेकिन कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिन्हें इस दिन वर्जित माना जाता है.
गलती से भी ना करें ये काम
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है. ऐसा नहीं करने पर आपका नुकसान हो सकता है. सबसे पहली बात इस दिन चांदी का दान न करें. कार्तिक पूर्णिमा के दिन चांदी की वस्तुएं दान करना अच्छा नहीं माना जाता है. इससे चंद्र दोष उत्पन्न हो सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसी तरह दूध का दान भी नहीं करना चाहिए क्योंकि दूध का संबंध चंद्रमा से माना जाता है. इसके अलावा आज काले रंग के कपड़े न पहनें.
ऐसा करना अशुभ माना जाता है. यह घर में अशुभ प्रभाव डाल सकता है और व्यक्ति को आर्थिक संकट में डाल सकता है. इस दिन हल्के और शुभ रंगों के कपड़े पहनने चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी को भी खाली हाथ ना लौटाएं. आज के दिन भोजन दान देना चाहिए. ऐसा ना करने से घर में अन्न की कमी हो सकती है. इस दिन किसी व्यक्ति का अपमान करना भी अशुभ है. खास कर अपने परिवार के लोगों का सम्मान करें.
ऐसा करना शुभ
कार्तिक पूर्णिमा को पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यह न केवल शारीरिक शुद्धि के लिए, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है. इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे में दीपक जलाना चाहिए और भगवान शिव तथा भगवान विष्णु के मंदिर में दीप दान करना चाहिए. यह धार्मिक कार्य आपके घर में समृद्धि और शांति लाता है.
साथ ही चंद्रोदय के समय भगवान शिव के दर्शन करना और उनका विधिपूर्वक पूजन करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है. यह दिन विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए पुण्य प्राप्ति का अवसर होता है. इस दिन अन्न, धन, और वस्त्रों का दान करना अत्यंत लाभकारी है. यह कार्य न केवल पुण्य अर्जित करने के लिए है, बल्कि इससे व्यक्ति की तरक्की और जीवन में खुशहाली आती है.