ECI officials Meeting: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. आज यानी रविवार को पटना में प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा हुई. इसका उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है. आयोग ने आयकर विभाग, पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ कार्य योजनाओं की समीक्षा की. बाद में, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक होगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को चुनाव आयुक्त एसएस संधू और विवेक जोशी के साथ राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की. सभी दल इस बात पर सहमत थे कि चुनाव कम चरणों में और छठ पूजा के बाद होने चाहिए. जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) ने एक चरण में चुनाव की मांग की, जैसा कि 2024 के महाराष्ट्र चुनाव में हुआ था. पिछले बिहार चुनाव तीन चरणों में हुए थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी एक या दो चरणों में चुनाव की वकालत की. साथ ही, भाजपा ने बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान की मांग उठाई.
भाजपा के बिहार प्रमुख दिलीप जायसवाल ने कहा कि कमजोर वर्गों वाले गांवों में पर्याप्त अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं. उन्होंने बुर्का पहने मतदाताओं की पहचान पर जोर दिया. इस मांग पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कड़ा विरोध जताया. राजद नेता अभय कुशवाहा ने इसे भाजपा की राजनीतिक चाल बताया. उन्होंने कहा कि ऐसी मांगें निष्पक्ष चुनाव की भावना के खिलाफ हैं. चुनाव आयोग ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक में मतदान केंद्रों की सुरक्षा, अवैध धन के प्रवाह पर रोक और मतदाता सूची की जांच जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और पुलिस नोडल अधिकारियों के साथ भी रणनीतिक बैठक की. इसका लक्ष्य परिचालन तैयारियों को मजबूत करना है.
बिहार में छठ पूजा एक बड़ा त्योहार है. सभी दल चाहते हैं कि चुनाव इस पर्व के बाद हों, ताकि मतदाताओं को कोई असुविधा न हो. आयोग ने इस मांग को गंभीरता से लिया है. साथ ही, कम चरणों में चुनाव कराने की मांग पर भी विचार हो रहा है. इससे मतदान प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाने में मदद मिलेगी. चुनाव आयोग जल्द ही अपनी तैयारियों की विस्तृत जानकारी मीडिया के साथ साझा करेगा. बिहार में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग की प्राथमिकता है. सभी पक्षों के साथ समन्वय और सख्त निगरानी से आयोग इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है.