महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की मजबूत पकड़ को साबित कर दिया है. बीजेपी नेतृत्व वाले इस गठबंधन ने राज्यभर में अधिकांश सीटें जीतकर विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारी शिकस्त दी. सत्ताधारी खेमे में जश्न का माहौल है, जबकि विपक्ष ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं. ये परिणाम आगामी बड़े नगर निगम चुनावों के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे रहे हैं.
महायुति गठबंधन ने 288 नगर परिषद अध्यक्ष पदों में से 207 पर कब्जा जमाया. विपक्षी एमवीए को महज 44 सीटें मिलीं. गठबंधन के भीतर बीजेपी सबसे आगे रही, जिसने 117 अध्यक्ष पद और 3,300 से अधिक पार्षद सीटें जीतीं. जो कुल चुने गए पार्षदों का करीब 48 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करार दिया और कहा कि पार्टी ने 2017 के मुकाबले पार्षदों की संख्या दोगुनी से ज्यादा बढ़ा ली है.
सत्ताधारी दलों ने जीत को विकास कार्यों का जनादेश बताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जन-केंद्रित विकास में लोगों के विश्वास का प्रमाण कहा. फडणवीस ने जोर दिया कि गठबंधन ने निजी हमलों से बचकर शासन, इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरों-कस्बों के भविष्य पर फोकस किया. पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण और उत्तरी महाराष्ट्र में गठबंधन का प्रदर्शन शानदार रहा, जबकि विदर्भ में 100 में से 73 सीटें जीतीं. अजित पवार गुट की एनसीपी ने पुणे जिले और बारामती जैसे अपने मजबूत इलाकों में दबदबा कायम रखा. अधिकांश लड़ी गई नगर परिषद अध्यक्ष सीटें जीतकर पवार ने छोटे शहरी केंद्रों पर अपनी पकड़ मजबूत की. यह प्रदर्शन गठबंधन बदलावों के बावजूद उनकी क्षेत्रीय ताकत को रेखांकित करता है.
एमवीए ने हार मान ली, लेकिन चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इसे स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं बताया. शिवसेना (यूबीटी) ने पैसे के दुरुपयोग और ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए, जिन्हें महायुति ने सिरे से खारिज कर दिया. कुछ इलाकों जैसे चंद्रपुर में कांग्रेस ने उल्लेखनीय जीत हासिल की. ये नतीजे मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर जैसे बड़े नगर निगम चुनावों से पहले महायुति के लिए मनोबल बढ़ाने वाले हैं. स्थानीय निकाय चुनावों को मिनी विधानसभा माना जाता है, इसलिए यह जीत सत्ताधारी गठबंधन को आगे की लड़ाइयों में मजबूती देगी. राजनीतिक विश्लेषक इसे जमीनी संगठन और विकास एजेंडे की जीत बता रहे हैं.