जयपुर पुलिस आयुक्तालय के भांकरोटा थाने के हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा ने गुरुवार 22 अगस्त को पुलिस चौकी में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. बैरवा की मौत के बाद उनके शव को सवाई मानसिंह अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया पिछले 5 दिन से बाबूलाल बैरवा का शव मुर्दाघर में रखा है लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका है. बैरवा के परिजनों ने शव के पोस्टमार्टम की इजाजत नहीं दी है. परिजन एसएमएस मुर्दाघर के बाहर धरने पर बैठे हैं उनकी मांग है कि जिन पुलिस अधिकारियों और पत्रकार ने उन्हें प्रताड़ित किया उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
मृतक हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा ने मरने से पहले एक लंबा चौड़ा सुसाइड नोट लिखा है. यह सुसाइड नोट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लिखा गया. मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए इस सुसाइड नोट में एडिशनल एसपी जगदीश व्यास, एसीपी अनिल शर्मा, सब इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह और एक पत्रकार कमल देगड़ा का नाम लिखा गया है. अपने सुसाइड नोट में बैरवा ने इन चारों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. मृतक हेड कांस्टेबल ने एडिशनल एसपी और एसीपी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने झूठे मामलों में फंसाकर सस्पेंड करा दिया. थाने में दर्ज तीन प्रकरणों में आरोपियों से लाखों रुपए वसूल कर छोड़ने का आरोप भी लगाया गया है. इस सुसाइड नोट में डीजीपी से गुहार की गई है कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए. वही इस मामले में एसएमएस मुर्दाघर में डेड बॉडी को रखकर प्रदर्शन परिजन कर रहे हैं.
मृतक हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा ने अपने सुसाइड नोट में भांकरोटा थाने में दर्ज तीन मुकदमों का जिक्र किया है. उन मामलों में लाखों रुपए लेकर आरोपियों को बचाने के आरोप लगाया है और जांच कराने की मांग भी की है. बैरवा ने यह भी आरोप लगाया कि एसीपी अनिल शर्मा और अन्य अधिकारियों ने उसे बेवजह प्रताड़ित किया. पिछले 11 महीने तक प्रताड़ना झेली लेकिन अब उसमें जीने की हिम्मत नहीं बची है. मृतक हैड कांस्टेबल ने आगे लिखा है कि परेशान होकर उसने अपनी जीवन को समाप्त करने का फैसला लिया है. सुसाइड से पहले 6 पेज का सुसाइड नोट बाबूलाल ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया था. बाद में हटा दिया और सोशल मीडिया के जरिए परिचितों को भेज दिया. 6 पेज के इस सुसाइड नोट में 200 से ज्यादा लाइनें लिखी गई है.
मृतक हेड कांस्टेबल ने अपने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से न्याय की गुहार लगाने के साथ ही उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, डीजीपी यूआर साहू और पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ से भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. बैरवा ने लिखा कि उसकी आत्महत्या के प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाए और ताकि जिन अफसरों ने उसे बेवजह प्रताड़ित किया है उनके कारनामे सामने आ सके. सुसाइड नोट में बाबूलाल बैरवा ने अपनी पत्नी, भाई, बेटे, बेटियों, दामाद और रिश्तेदारों से भी परिवार का ध्यान रखने का आग्रह किया है. साथ ही आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों को सजा दिलाने की मांग की है.
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