झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी हुई तेज, महागठबंधन का चेहरा होंगे हेमंत सोरेन

Jharkhand News: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव अभियान से दूर रहे हेमंत विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का चेहरा बनना चाहेंगे. महागठबंधन में शामिल अन्य पार्टी भी इस पक्ष में दिखाई दे रहे है. महागठबंधन के दलों का मानना है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से गठबंधन को सहानुभूति वोट मिलेंगे.

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Jharkhand News: झारखंड राज्य में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की सीएम के रूप में वापसी के लिए मंच तैयार है. भावी मुख्यमंत्री हेमंत आसन्न विधानसभा चुनाव की तैयारी में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहते. हेमंत सोरेन अपनी गिरफ्तारी के कारण लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी अभियान से दूर रहे हेमंत विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का चेहरा बनना चाहेंगे. इस महागठबंधन में शामिल अन्य दल भी इस पक्ष में दिखाई दे रहे है. यही वजह है कि जेल से निकलने के बाद ही उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाई. महागठबंधन के दलों का यह मानना है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से गठबंधन को सहानुभूति के वोट मिलेंगे. 

दोबारा ताजपोशी की तैयारी

साथ ही झारखंड के कोर मुद्दों पर वोटरों को गोलबंद करने में आसानी होगी. यही वजह है कि जेल से निकलने के कुछ दिनों के भीतर ही हेमंत की मुख्यमंत्री के पद पर दोबारा ताजपोशी की तैयारी कर ली गई. वहीं, दोबारा जेल जाने की स्थिति में हेमंत दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल सकते है. जिन्होंने गिरफ्तारी होने के बाद भी मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ा और जेल से ही सरकार चला रहे है.

इसी बीच हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन ने भी खुद को पार्टी के बड़े नेता के तौर पर स्थापित करते हुए विधानसभा उपचुनाव भी जीता. कल्पना सोरेन ने हेमंत की अनुपस्थिति में झामुमो के लोकसभा अभियान का प्रभावी ढंग से नेतृत्व किया और निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार किया. अगर हेमंत को फिर से सीएम पद छोड़ना पड़ा, तो कल्पना मुख्यमंत्री पद पर बैठाए जाने के लिए स्वभाविक तौर पर हेमंत की पहली पसंद होंगी

गठबंधन की  स्थिति बेहतर

लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित झामुमो चुनाव में पार्टी ने आदिवासियों के लिए सुरक्षित तीन सीटें जीतीं, जबकि दो सीटें उसकी सहयोगी कांग्रेस ने जीती. 5 साल पहले लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बावजूद झामुमो ने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए रघुबर दास की बीजेपी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. बीजेपी के तुलना में सत्ताधारी गठबंधन को इस बार अपनी स्थिति बेहतर लग रही है.

पहले कराने की योजना

 जेल से रिहा होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली में हेमंत ने दावा किया था कि बीजेपी झारखंड में विधानसभा चुनाव पहले कराने की योजना बना रही है. साथ ही यह चुनौती भी दी कि बीजेपी आज चुनाव कराकर देख ले, राज्य से उसका सूपड़ा साफ हो जाएगा. लोकसभा चुनाव के पहले औऱ बाद कुछ सीटों का झटका लगने के बाद भी झामुमो के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को राज्य विधानसभा में बहुमत प्राप्त है. 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में अब इंडिया गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 46 हो गई है, लेकिन यह भी बहुमत अधिक है.

अपराध करने की कोई संभावना नहीं

मनी लांड्रिंग के मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के हालिया आदेश के विरुद्ध ईडी जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर सकती है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ईडी हाई कोर्ट की जस्टिस आर. मुखोपाध्याय की पीठ द्वारा 28 जून को जारी आदेश को चुनौती दे सकती है. 

वही ईडी का कहना है कि अदालत का यह मानना कि हेमंत सोरेन दोषी नहीं है, गलत है और आरोपित प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा-45 द्वारा निर्धारित दोहरी शर्तों को पूरा नहीं करता है. हाई कोर्ट ने कहा था, यह मानने का कारण है कि हेमंत सोरेन ईडी द्वारा आरोपित अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और याचिकाकर्ता द्वारा इस तरह का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है.