जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में आग से छह की मौत, पांच की हालत गंभीर

राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में रविवार देर रात भीषण आग लगने से छह लोगों की जान चली गई. यह हादसा ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड की दूसरी मंजिल पर स्थित स्टोर रूम में रात करीब 1:30 बजे हुआ.

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Courtesy: X (@juliesh95316387)

SMS Hospital Jaipur: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में रविवार देर रात भीषण आग लगने से छह लोगों की जान चली गई. यह हादसा ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड की दूसरी मंजिल पर स्थित स्टोर रूम में रात करीब 1:30 बजे हुआ. आग की वजह से कई मरीजों की जान खतरे में आ गई.

पुलिस और अस्पताल प्रशासन के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी. आग ने तेजी से स्टोर रूम में रखे सामान को अपनी चपेट में ले लिया. इसमें कागजात, आईसीयू उपकरण और रक्त नमूनों की नलियां जलकर राख हो गईं. जहरीली गैसों के फैलने से स्थिति और गंभीर हो गई. ट्रॉमा सेंटर में मौजूद 24 मरीजों में से छह की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं.

मामले की जांच में जुटी पुलिस 

ट्रॉमा सेंटर प्रभारी अनुराग धाकड़ ने बताया कि आग लगते ही नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि हमारे पास दो आईसीयू हैं. ट्रॉमा आईसीयू में 11 और सेमी-आईसीयू में 13 मरीज थे. आग के बाद जहरीली गैसें फैल गईं. हमारी टीम ने मरीजों को ट्रॉलियों पर लादकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. उन्होंने बताया कि छह मरीजों को बचाया नहीं जा सका, जबकि पांच मरीजों की हालत अभी भी गंभीर है.

जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत हो रहा है. फिर भी, फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) की टीम ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि एफएसएल की रिपोर्ट के बाद ही आग के सटीक कारणों का पता चलेगा. मृतकों के शवों को शवगृह में रखा गया है और पोस्टमॉर्टम जल्द किया जाएगा. बाकी मरीजों को अन्य वार्डों में स्थानांतरित कर इलाज शुरू किया गया है.

मुख्यमंत्री ने लिया जायजा

हादसे की सूचना मिलते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एसएमएस अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने मरीजों और डॉक्टरों से बात कर स्थिति की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने आग के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ एक आपात बैठक भी की. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बाकी मरीजों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है और उनका इलाज जारी है. गंभीर मरीजों की निगरानी के लिए विशेष चिकित्सा दल तैनात किया गया है. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सूचित कर सहायता का आश्वासन दिया है.

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