UPI नियमों में आज से होंगे बड़े बदलाव, जान लें पूरा डिटेल्स नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में यूपीआई की तारीफ की. IMF की रिपोर्ट 'ग्रोइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स: द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेबिलिटी' में कहा गया कि यूपीआई ने रीयल-टाइम भुगतान में दुनिया को पीछे छोड़ दिया. यूपीआई ने वीज़ा जैसी वैश्विक भुगतान प्रणालियों को भी मात दी.

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Courtesy: Social Media

UPI New Rules: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में आज से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने इन नए नियमों को लागू किया है. इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और बेहतर, तेज और विश्वसनीय बनाना है. ये बदलाव उपयोगकर्ताओं, व्यापारियों, और बैंकों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

पिछले कुछ महीनों में यूपीआई में कई बार रुकावटें आईं. 26 मार्च और 12 अप्रैल को ऐसी समस्याओं ने करोड़ों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया. इन रुकावटों से लाखों रुपये के लेनदेन अटक गए. NPCI ने इन समस्याओं को हल करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए. इनका लक्ष्य यूपीआई को और निर्बाध बनाना है. खासकर व्यस्त समय में लेनदेन की गति बढ़ाना है.

रीयल-टाइम भुगतान में भारत सबसे आगे

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में यूपीआई की तारीफ की. IMF की रिपोर्ट 'ग्रोइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स: द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेबिलिटी' में कहा गया कि यूपीआई ने रीयल-टाइम भुगतान में दुनिया को पीछे छोड़ दिया. यूपीआई ने वीज़ा जैसी वैश्विक भुगतान प्रणालियों को भी मात दी. भारत में 85% डिजिटल भुगतान यूपीआई से होते हैं. वैश्विक स्तर पर इसका योगदान 60% है. यह भारत की डिजिटल ताकत को दर्शाता है. NPCI ने यूपीआई के लिए कई नए नियम शुरू किए हैं. ये नियम उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

बदले गए ये नियम 

  • अब उपयोगकर्ता अपने खाते की शेष राशि एक दिन में अधिकतम 50 बार देख सकते हैं. पहले यह सीमा असीमित थी.  
  • अब सब्सक्रिप्शन, EMI, और बिल भुगतान जैसे ऑटोपे लेनदेन दिन भर में किसी भी समय नहीं होंगे. इन्हें केवल निर्धारित समय पर संसाधित किया जाएगा.  
  • ऑटोपे भुगतान सामान्य रूप से काम करते रहेंगे. जिससे की यूजर्स को कोई परेशानी नहीं होगी.
  •  व्यवसायों को अपने भुगतान संग्रह का समय समायोजित करना होगा. इससे भुगतान में देरी की समस्या कम होगी.

क्या होगा फायदा?

ये बदलाव यूपीआई की गति और विश्वसनीयता बढ़ाएंगे. भीड़भाड़ वाले समय में लेनदेन आसान होंगे. उपयोगकर्ताओं को तेज और सुरक्षित भुगतान का अनुभव मिलेगा. व्यापारियों को भुगतान संग्रह में सुविधा होगी. बैंकों पर भी दबाव कम होगा. NPCI का कहना है कि ये बदलाव डिजिटल भुगतान को और मजबूत करेंगे. यूपीआई पहले ही भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. अब यह और बेहतर होगा. उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों को नए नियमों के साथ तालमेल बिठाना होगा. इससे भविष्य में डिजिटल लेनदेन और आसान होंगे.

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