नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में अपनी मजबूत एंट्री का दावा करने वाली होंडा को इस साल बड़ा झटका लगा है. कंपनी ने जनवरी 2025 में लॉन्च किए गए Activa e और QC1 स्कूटर्स का प्रोडक्शन अगस्त से बंद कर दिया है. इन मॉडलों को लेकर बाजार में काफी उम्मीदें थीं, क्योंकि इलेक्ट्रिक सेगमेंट में होंडा की एंट्री को लोग गेम-चेंजर मान रहे थे. लेकिन बिक्री के आंकड़े उम्मीदों के विपरीत रहे. SIAM के डेटा से साफ हुआ कि इन दोनों स्कूटर्स की डिमांड शुरुआती महीनों में ही गिर गई. बने हुए स्कूटर्स बड़ी संख्या में इन्वेंटरी में पड़े रह गए.
नतीजतन, कंपनी ने आगे का प्रोडक्शन रोकने का कठिन फैसला लिया. अब सवाल यह है कि इतने बड़े ब्रांड के स्कूटर्स आखिर ग्राहकों को क्यों नहीं भाए?
होंडा को उम्मीद थी कि Activa e और QC1 बाजार में जोरदार प्रदर्शन करेंगे, लेकिन बिक्री बेहद कमजोर रही. फरवरी से जुलाई 2025 के बीच कुल 11,168 यूनिट्स का उत्पादन हुआ, जबकि सिर्फ 5,201 यूनिट्स ही डीलरों तक पहुंच पाए. बड़ी संख्या में स्कूटर्स इन्वेंटरी में ही पड़े रह गए. ग्राहकों की कम दिलचस्पी और डिमांड में गिरावट ने होंडा को प्रोडक्शन रोकने के फैसले की ओर धकेला.
Activa e को सबसे ज्यादा उम्मीदों के साथ लॉन्च किया गया था, क्योंकि ‘Activa’ ब्रांड देश में भरोसे का प्रतीक माना जाता है. इसके साथ एडवांस बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी भी दी गई थी. होंडा ने बैटरी किराये में कमी और होम चार्जिंग डॉक की योजना जैसे कदम भी उठाए. इसके बावजूद Activa e की डिमांड कमजोर रही. डीलरों को भेजे गए स्कूटर्स में से सिर्फ 740 यूनिट्स इसी मॉडल की थीं.
QC1 की कीमत कम होने और पोर्टेबल चार्जर मिलने से यह ग्राहकों को अपेक्षाकृत ज्यादा पसंद आया. डीलरों तक भेजी गई 5,201 यूनिट्स में से 4,461 सिर्फ QC1 थीं. बावजूद इसके, कुल बिक्री कंपनियों की उम्मीद से काफी नीचे रही. कड़ी प्रतियोगिता—बजाज, टीवीएस, एथर और ओला जैसे ब्रांडों—ने भी होंडा के स्कूटर्स की मार्केट पकड़ कमजोर कर दी.
Activa e की सबसे बड़ी USP बैटरी स्वैपिंग उसकी सबसे बड़ी चुनौती भी बन गई. इस तकनीक के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, जो फिलहाल सीमित है. होंडा अकेली बड़ी कंपनी है जो स्वैपिंग मॉडल का उपयोग कर रही है. कम स्वैपिंग स्टेशनों की वजह से कई ग्राहक इस तकनीक को अपनाने में हिचकते दिखे, जिससे बिक्री प्रभावित हुई.
Activa e को सिर्फ तीन शहरों-मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु-में उपलब्ध कराया गया था. वहीं QC1 छह शहरों में लॉन्च हुआ. सीमित उपलब्धता के चलते संभावित खरीदारों तक स्कूटर्स की पहुंच कम रही. व्यापक बाजार न मिलने से दोनों मॉडलों की बिक्री नहीं बढ़ पाई. यही वजह रही कि होंडा ने भविष्य का प्रोडक्शन रोकने का फैसला किया.