Pariksha Pe Charcha: दीपिका पादुकोण ने सुनाया बचपन का किस्सा, परीक्षा पे चर्चा में तनाव को लेकर कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने आज हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने परीक्षा तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर सलाह भी साझा की है. परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने वाले छात्रों के साथ दीपिका ने परीक्षा तनाव, आत्म-देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य पर अपने इनपुट साझा किए हैं. 

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Courtesy: Social Media

Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने आज हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने परीक्षा तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर सलाह भी साझा की है. परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने वाले छात्रों के साथ दीपिका ने परीक्षा तनाव, आत्म-देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य पर अपने इनपुट साझा किए हैं. 

उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्ति को अपना ख्याल रखना चाहिए. खुलकर बात करनी चाहिए और जो कुछ भी कर सकता है. उस पर काम करना चाहिए. छात्रों से बात करते हुए पादुकोण ने स्वीकार किया कि तनाव जीवन का एक हिस्सा है. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्ति इससे कैसे निपटता है.

छात्रों को दिया सलाह

उन्होंने इस दौरान कहा कि तनाव महसूस करना ठीक है, लेकिन हम इससे कैसे निपटते हैं इससे बहुत फर्क पड़ता है. यह परीक्षा और परिणामों में धैर्य रखने के बारे में है. हम क्या नहीं कर सकते इस बारे में सोचने के बजाय हमें यह सोचना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं. उन्होंने अच्छी नींद लेना, खूब पानी पीने, व्यायाम करने और ध्यान करने का सुझाव दिया. वह छात्रों से अपना ध्यान उन चीजों पर केंद्रित करने का आग्रह करती हैं जो उनके नियंत्रण में हैं, जैसे परीक्षा की तैयारी करना. उन्होंने कहा कि तनाव से निपटने का एक तरीका परीक्षा से एक रात पहले अपने माता-पिता से बात करना है. पहचानें कि आप पर क्या दबाव है और इस बारे में किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हों.

बच्चपन के किस्से

अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए दीपिका ने अपने बचपन के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि मैं बचपन में काफी शरारती थी. मैं हर समय सोफे, टेबल और कुर्सियों पर चढ़ती-कूदती रहती थी. उन्होंने याद करते हुए कहा कि उन्हें गणित जैसे कुछ विषयों में संघर्ष करना पड़ा जो आज भी जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब का हवाला देते हुए उन्होंने खुले संवाद के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मोदी जी ने भी अपनी किताब में उल्लेख किया है  व्यक्त करें, कभी न दबाएं. अपने माता-पिता, दोस्तों या शिक्षकों के साथ हमेशा अपनी बात कहें न कि उसे दबाए रखें. दीपिका ने तनाव मुक्त सीखने का माहौल बनाने में माता-पिता के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उनके अपने माता-पिता ने कभी भी उन पर अच्छे ग्रेड के लिए दबाव नहीं डाला और सभी से ऐसा करने का अनुरोध किया.

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