PM Modi Foreign Tour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा पर निकलने वाले हैं. यह यात्रा 2 जुलाई से शुरू होकर 9 जुलाई तक चलेगी. इसमें घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया यात्रा शामिल हैं. यह यात्रा मुख्य तौर पर ब्राजील मे होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर तय किया गया है. भारत इस दौरे से वैश्विक दक्षिण के साथ संबंध मजबूत करेगा. आतंकवाद और सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा होगी.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद को खिलाफ पूरी दुनिया में आवाज उठाया है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत आतंकवाद की निंदा के लिए समर्थन मांगेगा. विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने कहा कि ब्रिक्स देश भारत के साथ एकजुट हैं. आतंकवाद से निपटने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रियो डी जेनेरियो में होगा. मिल रही जानकारी के मुताबिक इस सम्मेलन में चीन और रूस के राष्ट्रपति नहीं आएंगे. फिर भी, भारत ब्रिक्स की एकजुटता को मजबूत करेगा. अगले साल भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा. शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन, जलवायु, स्वास्थ्य और आर्थिक मुद्दों पर बात होगी. आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त घोषणा की उम्मीद है.
मोदी की यात्रा वैश्विक दक्षिण देशों के साथ भारत के रिश्तों को गहरा करेगी. घाना, त्रिनिदाद, अर्जेंटीना और नामीबिया के साथ रक्षा, व्यापार और खनिज सहयोग पर जोर होगा. यह दौरा लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में भारत का प्रभाव बढ़ाएगा. ब्रिक्स का एजेंडा समावेशी विकास और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित है.
मोदी 30 साल बाद घाना जाने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे. वहां आर्थिक और रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी. भारत-घाना व्यापार 3 बिलियन डॉलर का है. त्रिनिदाद और टोबैगो में बड़ी संख्या में भारतीय मूल की आबादी है. यह 26 साल बाद पीएम स्तर की यात्रा होगी. मोदी वहां संसद को संबोधित करेंगे. नामीबिया में 27 साल बाद कोई भारतीय पीएम जाएगा. वहां UPI और स्थानीय भुगतान प्रणाली के लिए समझौता होगा.
ब्राजील में मोदी राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से मिलेंगे. व्यापार, तेल, गैस और नवीकरणीय ऊर्जा पर बात होगी. भारत-ब्राजील व्यापार 12.2 बिलियन डॉलर का है. मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को नई ऊंचाई देगी. आतंकवाद, खनिज और आर्थिक सहयोग पर फोकस रहेगा.