CP Radhakrishnan: NDA की ओर से आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है. एनडीए गठबंधन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. गठबंधन द्वारा यह फैसला रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद लिया गया. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समेत अन्य पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और गठबंधन सहयोगियों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद राधाकृष्णन का नाम तय किया गया.
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे 68 वर्षीय राधाकृष्णन ने व्यवसाय प्रशासन में स्नातक की डिग्री हासिल की है. गौंडर-कोंगु वेल्लालर समुदाय से आने वाले राधाकृष्णन एक ओबीसी नेता हैं. उन्होंने 1974 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने. उनकी मृदुभाषी और गैर-विवादास्पद छवि ने उन्हें पार्टी में खास पहचान दी है. राधाकृष्णन कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए, उन्हें कोयंबटूर का वाजपेयी भी कहा जाता है.
राधाकृष्णन ने आरएसएस में स्वयंसेवक के रूप काम किया. इसके बाद उन्हें तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष भी चुना गया. इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा की, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद और अस्पृश्यता जैसे मुद्दों को उठाया गया. 2016 से 2020 तक कोयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने निर्यात को 2,532 करोड़ रुपये तक पहुंचाया. इसके बाद उन्हें केरल में भाजपा के प्रभारी बनाया गया. राधाकृष्णन ने झारखंड के राज्यपाल के रूप में भी काम किया. इस दौरान उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी के अतिरिक्त प्रभार भी संभाले. पिछले साल उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया. झारखंड में उनके कार्यकाल में आदिवासी मुद्दों पर कुछ विवाद हुए, लेकिन उनकी छवि अन्य भाजपा राज्यपालों की तुलना में कम संघर्षपूर्ण रही. रविवार को उनकी उम्मीदवारी की खबर मिलने के बाद उन्होंने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन किए.
उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखर के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद खाली हुआ. चुनाव 9 सितंबर को होगा, और नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त है. एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा के 422 सांसदों का समर्थन है, जो बहुमत के लिए पर्याप्त है. फिर भी, भाजपा विपक्षी दलों से समर्थन की उम्मीद कर रही है. राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को तमिलनाडु में 2026 के चुनावों के लिए भाजपा की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. उनकी उम्मीदवारी दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है.