Russia-Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में यूरोप और नाटो देशों के प्रमुख नेता भी शामिल हो सकते हैं. इस बैठक को यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और फ़िनलैंड जैसे देश ज़ेलेंस्की के साथ मजबूती से खड़े हैं. ये देश यूक्रेन को पुरजोर समर्थन दे रहे हैं, खासकर तब जब पिछले शुक्रवार को अलास्का में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक में ज़ेलेंस्की को शामिल नहीं किया गया था. फ्रांस के पूर्व सैन्य अधिकारी डोमिनिक ट्रिनक्वांड ने कहा कि यूरोपीय देश नहीं चाहते कि फरवरी में ओवल ऑफिस में हुई तनावपूर्ण बैठक दोहराई जाए. इसलिए, वे ज़ेलेंस्की का पूरा समर्थन कर रहे हैं.
रूस ने पहली बार एक ऐसे प्रस्ताव पर सहमति जताई है, जिसमें अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी दे सकते हैं. यह कदम साढ़े तीन साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में सकारात्मक माना जा रहा है. इस प्रस्ताव से युद्धविराम की संभावना बढ़ सकती है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप से यूक्रेन को मजबूत करने के लिए यूरोपीय प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेनी सेना को बेहतर प्रशिक्षण, उपकरण और दीर्घकालिक वित्तीय सहायता की जरूरत है. मैक्रों ने जोर दिया कि यूरोप और अमेरिका मिलकर यूक्रेन को सशक्त बनाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप से यूक्रेन के नेताओं द्वारा तैयार की गई योजना का समर्थन करने का अनुरोध किया जाएगा.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप पर शांति प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है. उन्होंने ज़ेलेंस्की से सीधे मुलाकात करने से इनकार कर दिया. पुतिन का कहना है कि ऐसी कोई बैठक तभी हो सकती है, जब शांति समझौते की बुनियादी शर्तें तय हो जाएं. ज़ेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया है कि भविष्य की किसी भी वार्ता में अमेरिका और यूरोप दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए. वे चाहते हैं कि यूक्रेन को मजबूत करने के लिए सभी सहयोगी देश एकजुट रहें. यह बैठक न केवल यूक्रेन-रूस युद्ध के भविष्य को प्रभावित करेगी, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी अहम होगी.