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महिलाएं ही नहीं पुरूषों में भी होता है हार्मोनल इंबैलेंस, जानें इसके लक्षण

जब हॉरमोन की बात आती है, तो ज्यादातर लोग महिलाओं और उनके प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं. हालांकि हॉरमोन असंतुलन पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है, अक्सर पुरूष इसे चुपचाप झेलते रहते हैं लेकिन यह उनके लिए भी  बहुत ज्यादा परेशानी खड़ा करता है.

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Courtesy: Social Media

Hormonal Imbalance in Men: महिलाओं में अक्सर हॉरमोन का असंतुलन होता रहा है. हालांकि आपको बता दें कि पुरुषों में भी हार्मोनल इंबैलेंस होता है, लेकिन अक्सर इसके बारे में पता नहीं चल पाता है. हालांकि आज हम आपको कुछ तरीका बताएंगे, जिससे आप इन लक्षणों को आसानी से पहचान सकते है.

जब हॉरमोन की बात आती है, तो ज्यादातर लोग महिलाओं और उनके प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं. हालांकि हॉरमोन असंतुलन पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है, अक्सर पुरूष इसे चुपचाप झेलते रहते हैं लेकिन यह उनके लिए भी  बहुत ज्यादा परेशानी खड़ा करता है.

क्या है इसके लक्षण?

टेस्टोस्टेरोन, कोर्टिसोल, इंसुलिन और थायरॉयड हॉरमोन जैसे हॉरमोन पुरुषों की ऊर्जा, मूड, मांसपेशियों, यौन स्वास्थ्य और यहां तक कि मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनके स्तर में कोई भी उतार-चढ़ाव शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों की एक श्रृंखला को जन्म दे सकता है जो दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं. डॉक्टर के अनुसार, पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला हॉरमोन है. निम्न स्तर थकान, मूड स्विंग, कामेच्छा में कमी, वजन बढ़ना, मांसपेशियों की कमज़ोरी, सिरदर्द, कब्ज़, रूखी त्वचा, बालों का झड़ना, दिमागी कोहरा, बांझपन और यहां तक कि अवसाद का कारण बन सकता है. अन्य हार्मोनल असंतुलन जैसे कि थायरॉयड डिसफंक्शन या अतिरिक्त कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन), नींद की गड़बड़ी, चिंता, बालों का झड़ना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का कारण भी बन सकता है.

ऐसे रखें अपना ख्याल

जिन लोगों में हार्मोनल असंतुलन है, उन्हें रोजाना व्यायाम करना चाहिए. हार्मोन के स्तर को स्वाभाविक रूप से संतुलित करने में मदद करने के लिए शक्ति प्रशिक्षण और एरोबिक गतिविधि करें. चीनी और प्रसंस्कृत भोजन को कम करते हुए स्वस्थ वसा, प्रोटीन और फाइबर खाएं. संपूर्ण खाद्य पदार्थों का चयन करना एक अच्छा विचार है. नमकीन, बेकरी आइटम, मिठाई और डेसर्ट से बचें. हर रात लगभग 8 घंटे की आरामदायक नींद लें. ध्यान, योग या श्वास अभ्यास जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें. समय-समय पर इष्टतम वजन और तनाव को बनाए रखना भी आवश्यक है. धूम्रपान और शराब छोड़ें, और पर्याप्त पानी पिएं. 

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