Lack of foul Smell: हमारी इंद्रियां हमारे जीवन का आधार है. अगर हमारी इंद्रियां काम करना बंद कर दे तो हम केवल एक सामान बन कर रह जाएंगे. ना कुछ देख पाएंगे और ना ही महसूस कर पाएंगे. हालांकि सूघना भी हमारी इंद्रियों का ही काम है. अगर हमें गंधो की पहचान में दिक्कत आ रही है इसका मतलब है कि हमारी इंद्रिया धीरे-धीरे काम करना बंद कर रही है. ऐसा होने का मतलब है आपके शरीर में कोई बीमारी ने एंट्री ले ली है. जिनकी वजह से व्यक्ति किसी भी प्रकार की दुर्गंध को महसूस नहीं कर पाता है.
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार सूंघने की क्षमता से जुड़ी लगभग 139 मेडिकल कंडीशंस पाई गई हैं. जिनके कारण व्यक्ति गंध महसूस नहीं कर पाता. इस शोध के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को अचानक से गंध का अनुभव न होने लगे तो यह कुछ गंभीर न्यूरोलॉजिकल और शारीरिक समस्याओं का शुरुआती संकेत हो सकता है. शोधकर्ताओं ने इस पर आधारित अध्ययन में बताया कि यह लक्षण अल्जाइमर, पार्किंसंस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, डिमेंशिया, कोविड-19 और साइनसाइटिस जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ हो सकता है.
नर्वस सिस्टम पर असर
गंध महसूस करने में समस्या का संबंध सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी से नहीं है, बल्कि यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसे अल्जाइमर और पार्किंसंस से भी हो सकता है. इन बीमारियों में नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है. जिससे गंध को महसूस करने की क्षमता प्रभावित होती है. इसके अलावा कोविड-19 जैसी महामारी भी इस लक्षण का कारण बन सकती है. जैसा कि महामारी के दौरान लाखों लोगों ने गंध और स्वाद की हानि का अनुभव किया.
जल्द से जल्द करें इलाज
अगर किसी व्यक्ति को अचानक गंध न आने का अनुभव हो, तो यह सामान्य बात नहीं है. हालांकि कुछ समय के लिए गंध की कमी खतरनाक नहीं होती, लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टरों की सहायता लेनी चाहिए. प्रारंभिक अवस्था में पहचानने से उपचार जल्दी हो सकता है और बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है.