मानसून में बच्चों को फ्लू से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी? जानें क्या है डॉक्टर की राय

इन्फ्लूएंजा बच्चों में तेजी से फैलता है. इसके लक्षण हैं तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान और शरीर में दर्द की समस्या होती है. जिससे बचने के लिए डॉक्टरों ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में फ्लू निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.

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Courtesy: Social Media

Influenza Vaccine for Children: मानसून बच्चों के लिए मस्ती का समय है. बारिश में भीगना और कीचड़ में खेलना उन्हें खूब पसंद है. लेकिन, यह मौसम फ्लू और श्वसन संक्रमण का खतरा भी लाता है. डॉक्टर बच्चों को फ्लू से बचाने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया. मानसून में नमी और जलभराव वायरस के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं.

इन्फ्लूएंजा बच्चों में तेजी से फैलता है. इसके लक्षण हैं तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान और शरीर में दर्द की समस्या होती है. जिससे बचने के लिए डॉक्टरों ने चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में फ्लू निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.  

टीका क्यों जरूरी?

डॉक्टर का कहना है कि इन्फ्लूएंजा का टीका बच्चों के लिए जरूरी है. यह 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है. टीका फ्लू वायरस से बचाता है. अगर बच्चा बीमार पड़ता भी है, तो बीमारी हल्की रहती है. यह टीका अस्थमा या कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों के लिए खास है. डॉक्टरों का मानना है कि फ्लू और सर्दी-जुकाम अलग हैं. फ्लू अचानक शुरू होता है. इसमें तेज बुखार और थकान होती है. सर्दी-जुकाम धीरे शुरू होता है. इसके लक्षण हल्के होते हैं, जैसे नाक बहना और हल्की खांसी. फ्लू ज्यादा खतरनाक हो सकता है.  

फ्लू टीके के तीन बड़े फायदे  

1. वायरस से सुरक्षा: टीका बच्चों को फ्लू से बचाता है. यह उनके स्वास्थ्य को बनाए रखता है.  
2. गंभीर बीमारियों से बचाव: यह निमोनिया जैसी जटिलताओं को रोकता है. जिससे हॉस्पिटल जाने की नौबत नहीं आती है.  
3. सामुदायिक सुरक्षा: टीका स्कूलों और मोहल्लों में फ्लू फैलने से रोकता है. इससे दूसरों की सेहत भी सुरक्षित रहती है.  

बच्चों की सुरक्षा के लिए सात टिप्स

 1. मानसून से पहले फ्लू का टीका लगवाएं.  
2. बच्चों को साबुन से बार-बार हाथ धुलवाएं.  
3. गीले कपड़े न पहनने दें, सूखे कपड़े दें.  
4. भीड़ और नम जगहों से बच्चों को दूर रखें.  
5. पौष्टिक खाना और साफ पानी दें.  
6. खांसी-छींक के समय नाक-मुँह ढकने की आदत डालें.  
7. गंदी सतहों को छूने से रोकें.  

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