PCOD Habits: पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) आज महिलाओं में तेजी से बढ़ रही हार्मोनल समस्या है. यह न केवल मासिक धर्म को प्रभावित करती है, बल्कि हार्मोनल असंतुलन, सिस्ट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बनती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पीसीओडी से अनियमित मासिक धर्म, टेस्टोस्टेरोन का बढ़ा हुआ स्तर और अंडाशय में सिस्ट हो सकते हैं. पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पीसीओडी प्रबंधन के लिए कुछ रोजमर्रा की आदतों को रेट किया. आइए जानते हैं, कौन सी आदतें मददगार हैं और किनसे बचना चाहिए.
पुदीना चाय को जैन ने 10/10 अंक दिए. यह चाय टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करती है, जो पीसीओडी में आम समस्या है. नियमित रूप से पुदीना चाय पीने से मासिक धर्म चक्र में सुधार हो सकता है. यह प्राकृतिक और सस्ता उपाय है, जिसे हर महिला आसानी से अपना सकती है.
तनाव को जैन ने 0/10 की रेटिंग दी. ज्यादा तनाव कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जो पीसीओडी के लक्षणों को और बिगाड़ देता है. इससे मासिक धर्म में देरी, सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं. तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और पर्याप्त नींद जरूरी हैं.
शाम को जल्दी और हल्का भोजन करना पीसीओडी के लिए फायदेमंद है. जैन ने इस आदत को 8/10 अंक दिए. यह रक्त शर्करा को स्थिर रखता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है. रात का भोजन हल्का और पौष्टिक होने से हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है.
तले हुए स्नैक्स और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को जैन ने केवल 2/10 अंक दिए. ये खाद्य पदार्थ सूजन बढ़ाते हैं और मुँहासों का कारण बनते हैं. पीसीओडी के प्रबंधन के लिए इनका सेवन सीमित करना जरूरी है. ताजा और घर का बना खाना बेहतर विकल्प है.
जैन ने परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट वाले आहार को 3/10 अंक दिए. ज्यादा कार्बोहाइड्रेट इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे पीसीओडी के लक्षण बिगड़ सकते हैं. साबुत अनाज जैसे ज्वार, बाजरा और ब्राउन राइस जैसे विकल्प चुनें. संतुलित आहार लेना जरूरी है.
शारीरिक गतिविधियों को जैन ने 9/10 अंक दिए. नियमित व्यायाम हार्मोन को संतुलित करता है, इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और मनोदशा को बेहतर बनाता है. योग, तेज चलना या हल्की एक्सरसाइज भी पीसीओडी में लाभकारी हैं.