कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे भारत द्वारा अमेरिका को भड़काने का नतीजा बताया है.
गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने घोषणा की कि टीआरएफ को FTO (Foreign Terrorist Organization) और SDGT (Specially Designated Global Terrorist) की सूची में डाला जाएगा. इस निर्णय के बाद अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में TRF से जुड़े किसी भी प्रकार के आर्थिक या अन्य सहयोग पर पूरी तरह रोक लग जाएगी.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी. अमेरिका का यह फैसला हमले के तीन महीने बाद आया है. इस हमले को 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है. अमेरिका का दावा है कि TRF दरअसल पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा है.
पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को बयान जारी किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि हमले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है, ऐसे में किसी संगठन को आतंकी ठहराना तथ्यों के खिलाफ है. मंत्रालय ने आगे कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और कई आतंकी नेटवर्क को खत्म भी कर चुका है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा को निष्क्रिय बताया और कहा कि इस संगठन पर आरोप लगाना मौजूदा सच्चाई से परे है.