2024 का साल दुनिया भर के देशों के लिए रक्षा बजट बढ़ाने का रहा. राष्ट्र भू राजनीतिक अनिश्चितता और नए संघर्षों का सामना कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रमुख देशों ने रक्षा बजट को काफी बढ़ाया है. सरकारें आधुनिक युद्ध क्षमताओं को मजबूत बनाने में लगी हैं. इसमें तकनीक आधारित सैन्य शक्ति और नई हथियार प्रणालियां शामिल हैं. अंतरिक्ष सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जा रहा है. सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निवेश बढ़ा है. यह बदलता शक्ति संतुलन का नतीजा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2024 में भी रक्षा खर्च में पहला स्थान बनाए रखा. संस्थान के अनुसार अमेरिका का बजट 968 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. यह किसी देश का अब तक का सबसे बड़ा खर्च है. वैश्विक स्तर पर सैन्य मौजूदगी बनाए रखने के लिए यह जरूरी है. उन्नत तकनीक कार्यक्रम और परमाणु क्षमता पर खर्च हो रहा है. दुनिया भर में सैन्य तैनाती और महंगे हथियार सिस्टम इसके कारण हैं. मौजूदा प्लेटफार्मों को आधुनिक बनाने में भी पैसा लग रहा है.
चीन ने 2024 में 235 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च कर दूसरा स्थान हासिल किया. हिंद प्रशांत क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा इसका बड़ा कारण है. नौसेना का विस्तार और हाइपरसोनिक हथियारों पर फोकस है. युद्ध में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका बढ़ रही है. रूस ने 145.9 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए और तीसरा स्थान पाया. दीर्घकालिक लामबंदी और युद्धक्षेत्र जरूरतें इसके पीछे हैं. यूरोप में सुरक्षा ढांचे को नया रूप दिया जा रहा है. जर्मनी चौथे और ब्रिटेन पांचवें स्थान पर हैं.
भारत ने 2024 में वैश्विक स्तर पर छठा स्थान प्राप्त किया. संस्थान के आंकड़ों में भारत का सैन्य व्यय 74.4 अरब अमेरिकी डॉलर दिखाया गया. सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. लड़ाकू विमान और मिसाइलों का आधुनिकीकरण तेज है. नौसेना बेड़े को मजबूत बनाया जा रहा है. उपकरण उन्नयन और साइबर युद्ध क्षमता पर निवेश हो रहा है. भारत की स्थायी सेना दुनिया की सबसे बड़ी में से एक है. इससे आवर्ती खर्च ज्यादा होता है. मेक इन इंडिया के तहत घरेलू निर्माण पर जोर है. यह पूंजी आवंटन का मुख्य कारण बना.
Military spending, 2024.
— World of Statistics (@stats_feed) November 6, 2025
🇺🇸 US: $968 billion
🇨🇳 China: $235 billion
🇷🇺 Russia: $145.9 billion
🇩🇪 Germany: $86 billion
🇬🇧 UK: $81.1 billion
🇮🇳 India: $74.4 billion
🇸🇦 Saudi Arabia: $71.7 billion
🇫🇷 France: $64 billion
🇯🇵 Japan: $53 billion
🇰🇷 South Korea: $43.9 billion
🇦🇺…
वैश्विक सुरक्षा में अस्थिरता ने देशों को बजट बढ़ाने पर मजबूर किया. ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ा है. रूस यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया की अनिश्चितताएं प्रभाव डाल रही हैं. राष्ट्र भविष्य के खतरों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं. आधुनिक युद्ध अब पारंपरिक नहीं रहा. उपग्रह और साइबर सुरक्षा जरूरी हो गई है.
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सिस्टम और मिसाइल शील्ड पर खर्च बढ़ा. हाइपरसोनिक क्षमताएं और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में निवेश हो रहा है. देश मानते हैं कि मजबूत सैन्य शक्ति कूटनीतिक लाभ देती है. विश्व मंच पर रणनीतिक प्रभाव बढ़ता है.