पनामा नहर पर चीन के प्रभाव को लेकर अमेरिका का कड़ा रुख, ट्रंप ने दी चेतावनी

पनामा नहर को आधुनिक दुनिया का आश्चर्य करार देते हुए ट्रंप ने याद दिलाया कि इसका निर्माण अमेरिका ने किया था. इसे 1914 में हजारों मज़दूरों की कुर्बानी के बाद खोला गया था. इन श्रमिकों में अधिकांश बारबाडोस, जमैका और कैरिबियन के अन्य हिस्सों से आए अफ्रीकी मूल के लोग थे.  

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Courtesy: Social Media

Panama Canal Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि पनामा नहर पर चीन का नियंत्रण अस्वीकार्य है और बहुत जल्द कुछ शक्तिशाली होने वाला है. उन्होंने दावा किया कि यह महत्वपूर्ण जलमार्ग चीन को सौंपा नहीं गया था, बल्कि समझौते का उल्लंघन किया गया है.  

पनामा नहर को आधुनिक दुनिया का आश्चर्य करार देते हुए ट्रंप ने याद दिलाया कि इसका निर्माण अमेरिका ने किया था. इसे 1914 में हजारों मज़दूरों की कुर्बानी के बाद खोला गया था. इन श्रमिकों में अधिकांश बारबाडोस, जमैका और कैरिबियन के अन्य हिस्सों से आए अफ्रीकी मूल के लोग थे.  

ट्रंप की चेतावनी

व्हाइट हाउस में लौटने के बाद ट्रंप ने नहर के नियंत्रण को फिर से लेने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा पनामा को नहर सौंपना एक बड़ी गलती थी और इसे अब बीजिंग द्वारा संचालित किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुझे नहीं लगता कि सैनिकों की जरूरत पड़ेगी, लेकिन पनामा ने समझौते का उल्लंघन किया है और अमेरिका इसे वापस लेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जो चीन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं, ने भी पनामा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की धमकी दी. उन्होंने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से कहा कि अगर उन्होंने नहर पर चीन के प्रभाव को समाप्त करने के लिए तुरंत कदम नहीं उठाए, तो वाशिंगटन आवश्यक कदम उठाएगा.  हालांकि, राष्ट्रपति मुलिनो ने अमेरिकी हस्तक्षेप के डर को खारिज किया और बातचीत का प्रस्ताव रखा.  

पनामा नहर पर नियंत्रण एक प्रमुख मुद्दा

रुबियो ने पनामा नहर का दौरा किया और अमेरिकी अधिकारियों के साथ मुलिनो से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि यथास्थिति अस्वीकार्य है और अगर कोई बदलाव नहीं होता, तो अमेरिका संधि के तहत अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएगा.  मुलिनो ने इस बैठक को सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण बताया और संकेत दिए कि हांगकांग स्थित सीके हचिसन होल्डिंग्स द्वारा नहर के प्रवेश द्वारों पर चलाए जा रहे बंदरगाहों के संचालन की समीक्षा की जाएगी.  

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टकराव के बीच, पनामा नहर पर नियंत्रण एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है. अमेरिकी सरकार का दावा है कि पनामा में चीन का विस्तार 1977 में हस्ताक्षरित तटस्थता संधि का उल्लंघन करता है.  हालांकि, पनामा सरकार और कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बंदरगाह नहर के संचालन का हिस्सा नहीं हैं और इनका नियंत्रण पनामा नहर प्राधिकरण के पास है, जो पूरी तरह से पनामा सरकार के अधीन एक स्वायत्त एजेंसी है. राष्ट्रपति मुलिनो ने कहा कि पनामा और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत हुआ समझौता अब नवीनीकृत नहीं किया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि पिछले प्रशासनों के दौरान चीन ने पनामा में जो निवेश किया था, उसकी समीक्षा की जाएगी.  

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