US Russia Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले लगभग 70 देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया. जिसमें भारत पर भी 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की गई. अमेरिका ने इस टैरिफ की घोषणा करते हुए यह कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में भारत के पैसों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने स पहले यह तर्क दिया कि भारत के पैसों को रूस इस युद्ध में यूक्रेन के खिलाफ लगा रहा है. ऐसे में भारत को यहां से तेल खरीदना बंद करना पड़ेगा, हालांकि भारत ने अमेरिका की बात नहीं मानी, जिसके बाद टैरिफ का ऐलान किया गया. लेकिन जब भारत ने रूस और अमेरिका के व्यापार संबंधों पर सवाल उठाया तो डोनाल्ड ट्रंप के तेवर पूरी तरह से बदल गए.
भारत समेत जब अन्य देशों ने अमेरिका से उसके और रूस के बीच व्यापारिक संबंध के बारे में पूछा तो उन्होंने हाथ खड़े कर लिए. डोनाल्ड ट्रंप ने इस सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका रूस से यूरेनियम और फर्टिलाइजर इम्पोर्ट करता है. इस बात की जांच करानी होगी. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले एक बयान जारी कर रूस से तेल आयात का बचाव किया था. साथ ही अमेरिका तथा यूरोपीय संघ पर पाखंड का आरोप लगाया था. मंत्रालय की ओर से यह अमेरिकी कंपनी खुद रूस के साथ व्यापार कर रही है, जबकि वे भारत पर अपने व्यापारिक संबंधों को कम करने का दबाव बना रही हैं.
विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस दोहरे नीति का विरोध करते हुए इसे पूरी तरह से अनुचित बताया और यह भी कहा कि की ऊर्जा खरीद आर्थिक आवश्यकता से प्रेरित है. साथ ही भारत ने अमेरिका को एक बार पुरानी बातों को याद दिलाते हुए कहा कि वाशिंगटन ने पहले 'वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मज़बूत करने के लिए भारत को प्रोत्साहित किया था.'