यमन में निमिषा प्रिया की मौत की सजा पर विदेश मंत्रालय का बयान, रद्द होने के दावों को किया खारिज

मंत्रालय ने कहा कि सजा को रद्द करने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है. यह बयान सोमवार को आंध्र प्रदेश के ग्रैंड मुफ्ती अबुबकर मुसलियार के कार्यालय के दावे के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि निमिषा की सजा रद्द हो गई है.

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Courtesy: Social Media

Nimisha Priya Death: विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द होने की खबरें गलत हैं. सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग निमिषा प्रिया मामले में गलत जानकारी फैला रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि सजा को रद्द करने का कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है. यह बयान सोमवार को आंध्र प्रदेश के ग्रैंड मुफ्ती अबुबकर मुसलियार के कार्यालय के दावे के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि निमिषा की सजा रद्द हो गई है.

ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से बयान जारी किया कि यमन की राजधानी सना में एक उच्च-स्तरीय बैठक में निमिषा की मौत की सजा को रद्द करने का फैसला लिया गया. पहले इस सजा को अस्थायी रूप से टाला गया था. हालांकि, कार्यालय ने यह भी स्वीकार किया कि यमन सरकार से अभी तक लिखित पुष्टि नहीं मिली है. यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से फैला, लेकिन विदेश मंत्रालय ने इसे भ्रामक करार दिया.

क्या है निमिषा प्रिया का पूरा मामला

निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं, लेकिन 2008 में वह रोजगार की खोज में यमन आईं थीं. एक प्रशिक्षित नर्स के रूप में उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर सना में एक क्लिनिक शुरू किया. रिश्ते बिगड़ने पर महदी ने कथित तौर पर निमिषा को परेशान किया, उनका पासपोर्ट जब्त किया और पति होने का झूठा दावा किया. 2017 में अपने दस्तावेज वापस पाने की कोशिश में निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए नशीला इंजेक्शन दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. निमिषा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. 2020 में यमनी अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई. 2023 में उनकी अपील को यमन की सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया. यमनी राष्ट्रपति और हूती नेता ने सजा को मंजूरी दी थी. इसी साल 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन ग्रैंड मुफ्ती की अपील के बाद इसे टाल दिया गया.

भारत सरकार के प्रयास

भारत सरकार इस मामले में सक्रिय है. विदेश मंत्रालय ने यमनी अधिकारियों और मित्र देशों के साथ बातचीत की है. निमिषा के परिवार को कानूनी सहायता दी जा रही है. ‘ब्लड मनी’ के जरिए समझौते की कोशिशें भी हुईं, लेकिन मृतक के परिवार ने माफी देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. निमिषा की सजा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कानूनी प्रक्रिया जारी है. निमिषा के परिवार और समर्थकों को उम्मीद है कि राजनयिक प्रयासों और मध्यस्थता से उनकी जान बच सकती है. यमन में हूती शासन और गृहयुद्ध की स्थिति इस मामले को और जटिल बना रही है.

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