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पहली बार नाइजीरिया पहुंचे PM मोदी, ढोल-नगाड़े के साथ हुआ भव्य स्वागत, जानें भारत के लिए ये यात्रा कितना जरुरी?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार नाइजीरिया दौरे पर पहुंचे हैं. वहां पहुंचते ही उनका भव्य स्वागत किया गया. भारतीय समुदाय के लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए. वहीं पीएम मोदी भी हाथ हिलाकर उनके अभिवादन को स्वीकार किया.

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Courtesy: Social Media

PM Modi Nigeria Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा पर है. इस दौरान सबसे पहले वो शनिवार को नाइजीरिया की राजधानी अबुजा पहुंचे. जहां उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों के साथ किया गया. इस दौरान कुछ भारतीय समुदाय के लोगों ने उनके स्वागत में सांस्कृतिक नृत्य पेश किया. हाथों में तिरंगा थामे लोग भारत माता की जय के नारे लगाते दिखें, वहीं पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया.

नाइजीरिया  के राष्ट्रपति अहमद टिनूबू ने पीएम मोदी को अपने देश में आने का न्योता दिया था. जिसके बाद पहली बार पीएम मोदी नाइडीरिया दौरे पर पहुंचे. प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर नाइजीरिया में रह रहे लोगों के बीच उत्साह का माहौल है. आज मोदी राजधानी अबुजा में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे. वहीं अपने इस दौरे के दौरान भारत-नाइजीरिया के सबंधों को और भी मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी. 

पीएम मोदी का ये दौरा कितना जरुरी?

नाइजीरिया में भारत की डेढ़ सौ से भी ज्यादा कंपनियां काम कर रही है. जिसमें 2 लाख करोड़ से भी ज्यादा का कारोबार है. ऐसे में पीएम का ये दौरा बेहद खास है. भारतीय पीएम का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि नाइजीरिया और अफ्रीका तेल और गैस का भंडार है. जिससे भारत की ऊर्जा की जरुरतें पूरा होती है. इसके अलावा नाइजीरिया इस्लामिक देशों के संगठन और तेल उत्पादक देशों के संगठन का भी सदस्य है. ये दोनों संगठन भारत की कूटनीति के लिए काफी अहम है. नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2040 तक भारत और चीन के बाद नाइजीरिया की आबादी सबसे ज्यादा होने वाली है.

आजादी के पहले से भारत के साथ रिश्ता

भारत और अफ्रीकी देशों का काफी पुराना रिश्ता है. भारत ने अफ्रीकी देशों की आजादी का पुरजोर समर्थन दिया था.  नाइजीरिया के आजादी से पहले ही भारत के साथ राजनयिक संबंध बन चुके थे. नाइजीरिया में 1958 में ही भारतीय डिप्लोमैटिक हाउस की स्थापना की गई थी. इसके स्थापना के 2 साल बाद नाइजीरिया को आजादी मिली थी. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1962 में पहली बार नाइजीरिया पहुंचे थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने  दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की नींव रखी थी. हालाांकि नाइजीरिया दो भागों में बंटा हुआ है. एक हिस्से में मुसलमान बहुसंख्यक हैं, तो वहीं दूसरे हिस्से में ईसाई आबादी है. मुसलमान इलाकों में गरीबी ज्यादा है. इसके मुकाबले ईसाई आबादी ज्यादा संपन्न है. 
 

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