Jaishankar to Meet Rubio: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें उच्चस्तरीय सत्र के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा तेज हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा पर 1,00,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने वाले फैसले ने विवाद बढ़ा दिया है. इसी बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से पहली आमने-सामने मुलाकात करेंगे. यह बैठक द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित होगी. ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी लगाया है. इससे भारत पर कुल अमेरिकी शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
ट्रंप ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा पर नया शुल्क लागू करने की घोषणा की. यह शुल्क प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर होगा. इससे तकनीकी कंपनियां प्रभावित होंगी. अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट जैसी फर्में हजारों एच-1बी वीजा पर निर्भर हैं. भारत से सबसे अधिक आवेदक आते हैं. यह कदम ट्रंप की आप्रवासन नीति का हिस्सा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कुशल श्रमिकों का प्रवाह रुकेगा.
भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी चिंता का विषय है. अगस्त में ट्रंप ने इसे दोगुना कर 50 प्रतिशत किया. व्हाइट हाउस का तर्क है कि भारत रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है. भारत ने इसका विरोध किया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे 'अनुचित' बताया. इससे भारतीय निर्यात प्रभावित हो रहा है. ज्वेलरी और दवाओं का व्यापार ठप होने का खतरा है. जयशंकर और रुबियो की यह पहली प्रत्यक्ष मुलाकात है. जुलाई में वाशिंगटन में क्वाड बैठक के दौरान वे मिले थे. सोमवार को द्विपक्षीय चर्चा होगी. एजेंडे में टैरिफ मुद्दा प्रमुख है. दोनों देश जल्द व्यापार समझौते पर सहमति बनाना चाहते हैं. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी अधिकारियों से मिलेगा. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि हम पारस्परिक लाभकारी समझौते के लिए प्रयास तेज करेंगे. 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की भारत यात्रा सकारात्मक रही. अब चर्चा को गति देने का फैसला हुआ. यह समझौता टैरिफ तनाव कम कर सकता है.
जयशंकर रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे. उन्होंने फिलीपींस की विदेश सचिव थेरेसा पी. लाज़ारो से बैठक की. एक्स पर जयशंकर ने लिखा कि राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस की भारत यात्रा पर चर्चा हुई. संयुक्त राष्ट्र और हिंद-प्रशांत सहयोग पर बात की. लाज़ारो ने कहा कि अगस्त की सफल यात्रा के बाद खुशी हुई. हम रक्षा, सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे. यह बैठक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करती है. इस सप्ताह जयशंकर कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे. 27 सितंबर को वे यूएन महासभा की आम बहस में राष्ट्रीय वक्तव्य देंगे. हरे मंच से भारत की आवाज बुलंद होगी. यूएनजीए सत्र 9 सितंबर से शुरू हुआ. उच्चस्तरीय बहस 23 से 27 सितंबर तक चलेगी. ट्रंप के फैसलों से भारत-अमेरिका संबंधों में चुनौतियां बढ़ी हैं. लेकिन क्वाड और व्यापार चर्चा सकारात्मक हैं. जयशंकर की कूटनीति महत्वपूर्ण होगी.