इजराइल-ईरान के बीच चल रहे विवाद का भारत पर पड़ेगा असर! इन सामानों के दाम में होगी दोगुनी बढ़ोतरी

Israel Iran Conflict: भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात से पूरा करता है. ईरान भले ही भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता न हो, लेकिन वैश्विक तेल बाजार में उसकी अहम भूमिका है. इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतें पहले ही 11% से अधिक बढ़ चुकी हैं.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Israel Iran Conflict: इजराइल और ईरान के बीच चल रहा तनावपूर्ण संघर्ष अब खतरनाक मोड़ ले चुका है. दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले हो रहे हैं, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ रही है. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह युद्ध पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले सकता है. भारत, जो ईरान और इजराइल के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते रखता है, इस संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. तेल की कीमतों से लेकर आयात-निर्यात तक, इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई दे सकता है.  

भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात से पूरा करता है. ईरान भले ही भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता न हो, लेकिन वैश्विक तेल बाजार में उसकी अहम भूमिका है. इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतें पहले ही 11% से अधिक बढ़ चुकी हैं. ब्रेंट क्रूड की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल के पार तक पहुंच चुका है. 

आम लोगों की बढ़ सकती है समस्या

रिपोर्ट की मानें तो अगर युद्ध बढ़ता है, तो तेल की कीमतें और उछाल ले सकती हैं. इससे भारत में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और एविएशन फ्यूल की कीमतें बढ़ सकती हैं. यह आम लोगों और व्यवसायों दोनों के लिए चिंता का विषय है. इजराइल भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है. भारत, एशिया में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा और वैश्विक स्तर पर नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. दोनों देशों के बीच इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, हथियार, चिकित्सा उपकरण, उर्वरक, मशीनरी, कीमती पत्थर और रासायनिक उत्पादों का व्यापार होता है. युद्ध के कारण इन वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो सकती है. इससे भारत के हाई-टेक उद्योग और रक्षा क्षेत्र पर असर पड़ सकता है. मार्च 2025 में भारत ने ईरान को 130 मिलियन डॉलर का माल निर्यात किया, जो पिछले साल की तुलना में 47.1% अधिक है. वहीं, ईरान से आयात 43 मिलियन डॉलर रहा, जो 23.6% कम है. भारत ईरान से जैविक रसायन, खाद्य फल, मेवे, खनिज ईंधन, नमक, सल्फर, प्लास्टिक और लोहा-इस्पात जैसी वस्तुएं आयात करता है. युद्ध के कारण इन वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं.  

व्यापार मार्गों पर खतरा

इजराइल-ईरान युद्ध की वजह से महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग भी खतरे में है . ये मार्ग भारत के यूरोप और अन्य क्षेत्रों के साथ व्यापार के लिए महत्वपूर्ण हैं. जहाजों को दूर के रास्ते तय करने पड़ सकते हैं, जिससे दामों पर असर पड़ेगा. इससे भारत के निर्यात, खासकर पेट्रोलियम और कपड़ा उत्पादों की लागत और कीमतें बढ़ सकती हैं. बढ़ती तेल की कीमतें और व्यापारिक बाधाएं भारत के लिए मुद्रास्फीति और व्यापार घाटे को बढ़ा सकती हैं. सरकार को ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं. भारत को वैकल्पिक व्यापार मार्ग और ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान देना होगा. सऊदी अरब, यूएई जैसे तटस्थ देशों के साथ व्यापार बढ़ाना एक समाधान हो सकता है. 

Tags :