अमेरिका की सीमा सुरक्षा एजेंसी US कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने एक नया नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि वीज़ा वेवर प्रोग्राम का हिस्सा बनने वाले विदेशी यात्रियों को जल्द ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स, पिछले वर्षों में इस्तेमाल किए गए फ़ोन नंबर, ईमेल एड्रेस, और यहां तक कि बायोमेट्रिक विवरण जैसे DNA और आइरिस स्कैन भी जमा कराने पड़ सकते हैं. यह नोटिस फिलहाल सार्वजनिक समीक्षा के लिए जारी किया गया है.
CBP के अनुसार, अमेरिका में बिना वीज़ा प्रवेश पाने वाले यात्रियों की जांच प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए यह कदम प्रस्तावित किया गया है. इन यात्रियों की स्क्रीनिंग ESTA (Electronic System for Travel Authorization) के तहत की जाती है, जिसके माध्यम से लगभग 40 देशों के नागरिक 90 दिनों तक अमेरिका में बिना वीज़ा के रह सकते हैं. नए प्रस्ताव के तहत यात्रियों को हाई-वैल्यू डेटा फ़ील्ड्स में विस्तृत जानकारी देनी होगी, ताकि सुरक्षा एजेंसियां जोखिम का बेहतर आकलन कर सकें.
यह प्रस्ताव ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिका में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं. हाल ही में वाशिंगटन में दो नेशनल गार्ड सदस्यों की गोली मारकर हत्या के बाद लगभग 30 देशों के लिए ट्रैवल बैन की योजना की चर्चा तेज़ हुई है. इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन सोशल मीडिया विवरण मांगने की नीति लागू कर चुका है, जिसे बाइडेन प्रशासन ने भी जारी रखा.
CBP ने जिन जानकारियों को जमा करने की अनिवार्यता प्रस्तावित की है, उनमें शामिल हैं:
यह नीति उन 40+ देशों के नागरिकों को प्रभावित कर सकती है जो अमेरिका के वीज़ा वेवर प्रोग्राम के सदस्य हैं. इसमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, स्पेन, नीदरलैंड, स्वीडन और अन्य यूरोपीय व एशियाई देश शामिल हैं. नोटिस के अनुसार, जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है. CBP ने साफ किया है कि यह कोई अंतिम नियम नहीं है.एजेंसी ने कहा कि यह सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए विकल्पों पर चर्चा का प्रारंभिक कदम है, विशेषकर हालिया आतंकी घटनाओं के बाद.