H-1B Visa: अमेरिकी सरकार का शटडाउन 1 अक्टूबर 2025 की रात 12:01 बजे से शुरू हो गया है. इससे कई सरकारी सेवाएं ठप होने की आशंका है. कुछ एजेंसियां काम बंद कर देंगी, कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जाएगा या बिना वेतन काम करना पड़ेगा. इसका सबसे बड़ा असर एच-1बी वीज़ा और ग्रीन कार्ड प्रक्रिया पर पड़ेगा, जो भारतीय पेशेवरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
आव्रजन वकीलों के अनुसार, शटडाउन के कारण अमेरिकी श्रम विभाग को मिलने वाली धनराशि रुक जाएगी. यह विभाग एच-1बी वीज़ा और ग्रीन कार्ड के लिए ज़रूरी श्रम शर्त आवेदन (एलसीए) और PERM प्रमाणन जारी करता है. बिना एलसीए के, कोई भी नया एच-1बी वीज़ा, नियोक्ता परिवर्तन या स्थिति बदलाव संभव नहीं होगा. मैनिफेस्ट लॉ के वकील हेनरी लिंडपेरे ने कहा कि जब तक श्रम विभाग काम शुरू नहीं करता, एच-1बी वीज़ा प्रक्रिया रुकी रहेगी.
भारतीय पेशेवरों पर इस शटडाउन का गहरा प्रभाव पड़ेगा. आंकड़ों के अनुसार, 71% से अधिक एच-1बी वीज़ा भारतीयों को मिलते हैं. सिलिकॉन वैली की आव्रजन वकील सोफी अल्कोर्न ने बताया कि नए आवेदकों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, जबकि पहले से प्रक्रियाधीन आवेदनों पर कम असर पड़ेगा. हालांकि, जिनके प्रमाणपत्र स्वीकृत हो चुके हैं, उनके लिए राहत है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) वीज़ा शुल्क से चलती है, इसलिए उनकी प्रक्रिया जारी रह सकती है.
यह शटडाउन ट्रंप प्रशासन की एच-1बी वीज़ा प्रणाली में बदलाव की योजनाओं के बीच आया है. हाल ही में वीज़ा शुल्क में 100,000 डॉलर की बढ़ोतरी और लॉटरी प्रणाली में बदलाव की घोषणा की गई थी. इन बदलावों का उद्देश्य उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देना है, जिसका असर भी भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा. अमेरिकी सरकार का यह शटडाउन कब खत्म होगा, इसकी कोई तारीख तय नहीं है. पिछला शटडाउन 2018-19 में ट्रंप के कार्यकाल में हुआ था, जो 35 दिनों तक चला. यह चार दशकों का सबसे लंबा शटडाउन था. इस बार भी बड़े पैमाने पर छंटनी की आशंका है. ट्रंप ने कहा कि शटडाउन से अनावश्यक चीजों से छुटकारा मिल सकता है.