US Government Shutdown: अमेरिकी सरकार का कामकाज ठप होने की कगार पर है. सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच वित्त पोषण विधेयक पर सहमति नहीं बन पाई. एक अस्थायी वित्त पोषण विधेयक पर अंतिम मतदान 55-45 के अंतर से विफल रहा. अब सरकारी शटडाउन लगभग तय माना जा रहा है.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इस गतिरोध का मुख्य कारण है. इस विधेयक में मेडिकेड कटौती का प्रस्ताव है, जिसे लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन में तीखी बहस छिड़ी है. डेमोक्रेट्स मेडिकेड कटौती को हटाने और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स क्रेडिट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे स्वास्थ्य बीमा सस्ता होगा. लेकिन रिपब्लिकन इस पर सहमत नहीं हैं. यह मतभेद दोनों पक्षों को एकजुट होने से रोक रहा है.
यह स्थिति अमेरिका को सात साल पहले की याद दिलाती है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में 2018-19 में सरकारी कामकाज 35 दिनों तक ठप रहा था. उस समय ट्रंप अमेरिका-मेक्सिको सीमा दीवार के लिए धन मांग रहे थे, जिसे सीनेट ने खारिज कर दिया था. यह अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन था. इस बार भी स्थिति जटिल है, और कोई आसान समाधान नजर नहीं आ रहा. कैलिफोर्निया की सांसद अमी बेरा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, शटडाउन तभी खत्म होगा जब सीनेट विनियोग विधेयक पारित करे. इस विधेयक को सदन और सीनेट दोनों से मंजूरी मिलनी होगी. इसके बाद राष्ट्रपति को इस पर हस्ताक्षर करने होंगे. लेकिन मौजूदा हालात में यह प्रक्रिया आसान नहीं है. दोनों पक्षों को अपनी शर्तों पर सहमति बनानी होगी, जो फिलहाल मुश्किल लग रही है.
शटडाउन होने पर सरकारी सेवाएं प्रभावित होंगी. कई सरकारी कर्मचारियों को बिना वेतन काम करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य जरूरी सेवाओं पर भी असर पड़ेगा. डेमोक्रेट्स का कहना है कि मेडिकेड कटौती से गरीब और मध्यम वर्ग को नुकसान होगा. वहीं, रिपब्लिकन का तर्क है कि बजट को नियंत्रित करना जरूरी है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द सहमति नहीं बनी, तो यह शटडाउन लंबा खिंच सकता है. दोनों पक्षों को बीच का रास्ता निकालना होगा. जनता की नजर अब सीनेट पर है, जहां हर निर्णय देश के भविष्य को प्रभावित करेगा. क्या अमेरिकी संसद इस संकट से उबर पाएगी, या फिर इतिहास एक बार फिर दोहराया जाएगा? यह सवाल हर अमेरिकी के मन में है.