वॉशिंगटन: आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका ने पाकिस्तान में सक्रिय अलकायदा के शीर्ष चेहरे ओसामा महमूद पर शिकंजा कस दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की “रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस” योजना के तहत ओसामा महमूद पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया गया है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि वह दक्षिण एशिया में अलकायदा का सबसे अहम ऑपरेशनल कमांडर है और उसकी गिरफ्तारी संगठन को निर्णायक झटका दे सकती है.
सूत्रों के अनुसार, ओसामा महमूद अलकायदा का एशिया प्रमुख है और नेटवर्किंग, संसाधन जुटाने तथा अलग-अलग जिहादी गुटों के बीच समन्वय जैसे अहम काम देखता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी का आकलन है कि वह अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और म्यांमार (बर्मा) में सक्रिय चरमपंथी समूहों के बीच संचार चैनल उपलब्ध कराता है और अलकायदा को पुनर्गठित करने की रणनीति पर काम कर रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसी अभियान में याह्या गौरी पर भी 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है. वहीं पाकिस्तान में अंडरग्राउंड चल रहे आतंकवादी हाफिज सईद पर पहले से ही 10 मिलियन डॉलर का इनाम मौजूद है. वॉशिंगटन संकेत दे रहा है कि अब दक्षिण एशिया में अलकायदा के बचे-खुचे तंत्र को खत्म करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है.
कौन है ओसामा महमूद?
ओसामा महमूद का जन्म पाकिस्तान में बताया जाता है और वह कई उपनामों—उसामा महमूद, अबू जार, अत्ता उल्लाह और जार वली—से भी जाना जाता है. 2015 से पहले उसकी गतिविधियों के ठोस सार्वजनिक रिकॉर्ड कम हैं, लेकिन उसी साल अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी ने उसे “भारत सब-ऑर्डिनेंट” का सरगना नियुक्त किया था. 2022 में अमेरिका ने उसे आधिकारिक रूप से आतंकवादी घोषित किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह पाकिस्तान के कबायली इलाकों में छिपकर नेटवर्क चलाता है और हाल के वर्षों में “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान उसका एक वीडियो/बयान भी सामने आया था.
अलकायदा की मौजूदा स्थिति
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आकलन के अनुसार, अलकायदा के पास वैश्विक स्तर पर करीब 20 हजार सक्रिय आतंकियों का ढांचा माना जाता है, जिनका प्रमुख प्रभाव सीरिया और सोमालिया में दिखता है. दक्षिण एशिया में यह संख्या लगभग 500 बताई जाती है, जबकि पाकिस्तान-अफगानिस्तान बेल्ट में करिब 100 लड़ाके ही बचे होने का अनुमान है. इसके बावजूद, अमेरिकी एजेंसियों का कहना है कि ओसामा महमूद की नई रणनीतियां संगठन को टिकाए रखने में भूमिका निभा रही हैं, इसी वजह से उस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखकर वैश्विक दबाव बढ़ाया गया है.