मानसून में सेहत का खजाना! इन देसी सुपरफूड्स से बढ़ेगी आपकी इम्यूनिटी

मानसून में इन देसी सुपरफूड्स को अपने आहार में शामिल कर आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं. ये न केवल सस्ते और आसानी से उपलब्ध हैं, बल्कि प्राकृतिक रूप से आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं. तो इस बारिश के मौसम में अपनी रसोई के खजाने को खोलें और स्वस्थ रहें!

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Courtesy: Social Media

Monsoon Superfoods: मानसून का मौसम बारिश की फुहारों के साथ ताजगी लाता है, लेकिन यह अपने साथ मौसमी बीमारियां भी लाता है. नमी भरी हवा में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, जिससे सर्दी, खांसी और पाचन संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं.

हमारी रसोई में मौजूद कुछ देसी सुपरफूड्स मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों से बचाव में कारगर हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.

सौंठ: सर्दी-खांसी का कुदरती इलाज

सूखी अदरक यानी सौंठ एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाला है. यह श्वसन मार्ग को साफ करता है, पाचन को बेहतर बनाता है और सर्दी, खांसी व गले की खराश से बचाव करता है. मानसून में यह विशेष रूप से फायदेमंद है. आधा चम्मच सौंठ पाउडर को गर्म पानी या चाय में मिलाएं. इसे सूप या काढ़े में भी डाला जा सकता है.

हल्दी: इम्यूनिटी का सुपर हीरो

हल्दी भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है. इसमें मौजूद कर्क्यूमिन शरीर को संक्रमण से लड़ने और जल्दी ठीक होने में मदद करता है. यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है. हल्दी को करी, चाय या काढ़े में मिलाएं. बेहतर अवशोषण के लिए इसे काली मिर्च के साथ लें.

तुलसी: प्राकृतिक रक्षा कवच

तुलसी एक प्राचीन हर्बल औषधि है, जो अपने जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुणों के लिए जानी जाती है. यह श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और तनाव से निपटने में मदद करती है. तुलसी की पत्तियों को अदरक और दालचीनी के साथ उबालकर चाय बनाएं. इसमें शहद मिलाकर पिएं.

नीम: रक्त शुद्धि का प्राकृतिक उपाय

नीम का कड़वा स्वाद इसे खास बनाता है. इसके एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण त्वचा के संक्रमण और बुखार से बचाव करते हैं. नीम पाउडर को गर्म पानी या शहद के साथ सुबह खाली पेट लें.

कद्दू के बीज: छोटा पैकेट, बड़ा धमाका

कद्दू के बीज जिंक और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं. भिगोए हुए बीजों को स्मूदी, नाश्ते या स्नैक्स के रूप में खाएं. एक चम्मच रोजाना काफी है.

काली मिर्च: स्वाद और सेहत का संगम

काली मिर्च सिर्फ मसाला नहीं, बल्कि इम्यूनिटी बूस्टर भी है. इसमें मौजूद पिपेरिन हल्दी के कर्क्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाता है और कंजेशन को कम करता है. भोजन, सूप या हल्दी-शहद के मिश्रण में ताज़ी पिसी काली मिर्च डालें.

मोरिंगा: चमत्कारी पत्तियां

मोरिंगा की पत्तियां विटामिन सी, ए और ई से भरपूर हैं. ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, विषहरण और सूजन कम करने में मदद करती हैं. ताज़ी पत्तियों को सूप, दाल या स्टिर-फ्राई में डालें. मोरिंगा पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं.

Monsoon Superfoods: मानसून का मौसम बारिश की फुहारों के साथ ताजगी लाता है, लेकिन यह अपने साथ मौसमी बीमारियां भी लाता है. नमी भरी हवा में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, जिससे सर्दी, खांसी और पाचन संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं.

हमारी रसोई में मौजूद कुछ देसी सुपरफूड्स मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों से बचाव में कारगर हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.

सौंठ: सर्दी-खांसी का कुदरती इलाज

सूखी अदरक यानी सौंठ एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाला है. यह श्वसन मार्ग को साफ करता है, पाचन को बेहतर बनाता है और सर्दी, खांसी व गले की खराश से बचाव करता है. मानसून में यह विशेष रूप से फायदेमंद है. आधा चम्मच सौंठ पाउडर को गर्म पानी या चाय में मिलाएं. इसे सूप या काढ़े में भी डाला जा सकता है.

हल्दी: इम्यूनिटी का सुपर हीरो

हल्दी भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है. इसमें मौजूद कर्क्यूमिन शरीर को संक्रमण से लड़ने और जल्दी ठीक होने में मदद करता है. यह एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है. हल्दी को करी, चाय या काढ़े में मिलाएं. बेहतर अवशोषण के लिए इसे काली मिर्च के साथ लें.

तुलसी: प्राकृतिक रक्षा कवच

तुलसी एक प्राचीन हर्बल औषधि है, जो अपने जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुणों के लिए जानी जाती है. यह श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और तनाव से निपटने में मदद करती है. तुलसी की पत्तियों को अदरक और दालचीनी के साथ उबालकर चाय बनाएं. इसमें शहद मिलाकर पिएं.

नीम: रक्त शुद्धि का प्राकृतिक उपाय

नीम का कड़वा स्वाद इसे खास बनाता है. इसके एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण त्वचा के संक्रमण और बुखार से बचाव करते हैं. नीम पाउडर को गर्म पानी या शहद के साथ सुबह खाली पेट लें.

कद्दू के बीज: छोटा पैकेट, बड़ा धमाका

कद्दू के बीज जिंक और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं. भिगोए हुए बीजों को स्मूदी, नाश्ते या स्नैक्स के रूप में खाएं. एक चम्मच रोजाना काफी है.

काली मिर्च: स्वाद और सेहत का संगम

काली मिर्च सिर्फ मसाला नहीं, बल्कि इम्यूनिटी बूस्टर भी है. इसमें मौजूद पिपेरिन हल्दी के कर्क्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाता है और कंजेशन को कम करता है. भोजन, सूप या हल्दी-शहद के मिश्रण में ताज़ी पिसी काली मिर्च डालें.

मोरिंगा: चमत्कारी पत्तियां

मोरिंगा की पत्तियां विटामिन सी, ए और ई से भरपूर हैं. ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, विषहरण और सूजन कम करने में मदद करती हैं. ताज़ी पत्तियों को सूप, दाल या स्टिर-फ्राई में डालें. मोरिंगा पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं.

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