तिरंगे पर कब लगा अशोक चक्र? क्या है इसके 24 तिलियों का मतलब

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में सफेद पट्टी पर बना 24 तीलियों वाला अशोक चक्र केवल सजावट नहीं है. यह सारनाथ के सिंह स्तंभ से प्रेरित है, जो अब भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है.

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Courtesy: Social Media

Independence Day 2025: भारत में आज स्वतंत्रता दिवस की धूम है. इस अवसर पर देश का तिरंगा लहरा रहा है, जो एकता, साहस और प्रगति का प्रतीक है. तिरंगे के केंद्र में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र न केवल एक डिज़ाइन है, बल्कि यह भारत के मूल्यों और आदर्शों का जीवंत प्रतीक है. आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर अशोक चक्र के महत्व को समझें.

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में सफेद पट्टी पर बना 24 तीलियों वाला अशोक चक्र केवल सजावट नहीं है. यह सारनाथ के सिंह स्तंभ से प्रेरित है, जो अब भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है. 22 जुलाई 1947 को तिरंगे में शामिल किया गया यह चक्र 'धर्मचक्र' कहलाता है. यह देशवासियों को कर्तव्य, नैतिकता और निरंतर प्रगति की याद दिलाता है. 

अशोक चक्र में 24 तीलियों का मतलब

स्वतंत्रता से पहले तिरंगे में चरखा आत्मनिर्भरता का प्रतीक था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद अशोक चक्र ने इसका स्थान लिया. यह गतिशीलता और प्रगति का प्रतीक है, जो बताता है कि रुकावट पतन का कारण बन सकती है. अशोक चक्र की 24 तीलियां 24 गुणों को दर्शाती हैं. ये गुण आशा, प्रेम, साहस, धैर्य, शांति, भलाई, निष्ठा, नम्रता, दया, निःस्वार्थता, आत्म-संयम, आत्म-बलिदान, सत्य, धार्मिकता, न्याय, दया, कृपालुता, विनम्रता, सहानुभूति, ज्ञान, बुद्धि, नैतिक मूल्य और परोपकारिता हैं . ये तीलियां हिंदू परंपरा में 24 ऋषियों और गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों से भी जुड़ी हैं. साथ ही, ये दिन के 24 घंटों का प्रतीक हैं, जो जीवन में निरंतर गति का संदेश देती हैं. 

राष्ट्र निर्माण में कर्तव्य का पालन जरूरी 

तिरंगे के तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा अपने आप में विशेष अर्थ रखते हैं. केसरिया साहस और बलिदान, सफेद शांति और सत्य, और हरा समृद्धि और विकास का प्रतीक है. इन रंगों के बीच गहरे नीले रंग का अशोक चक्र इन आदर्शों को एक सूत्र में बांधता है. यह भारत की प्रगतिशील भावना और कालातीत मूल्यों का प्रतीक है. अशोक चक्र हमें सिखाता है कि राष्ट्र निर्माण के लिए नैतिकता, न्याय और कर्तव्य का पालन जरूरी है. इस स्वतंत्रता दिवस पर अशोक चक्र हमें प्रेरित करता है कि हम अपने कर्तव्यों को न भूलें. यह हमें याद दिलाता है कि देश की प्रगति के लिए हर नागरिक को अपने गुणों को अपनाना होगा. चाहे वह सत्य हो, दया हो या निःस्वार्थता, ये मूल्य हमें एक बेहतर समाज की ओर ले जाते हैं. अशोक चक्र का संदेश है - गति में रहें, प्रगति करें और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं.

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