246 सांसद, 70 सीटें: दिल्ली में बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट कैसे कर रहा काम?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र में अपनाई गई चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए अपना माइक्रो मैनेजमेंट बढ़ा दिया है. पार्टी ने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में अपने सांसदों की पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है, जिसमें एनडीए के सांसद भी शामिल हैं. इसका उद्देश्य दिल्ली के हर इलाके तक सीधे पहुंच बनाना और वोटरों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना है.

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Courtesy: Social Media

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र में अपनाई गई चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए अपना माइक्रो मैनेजमेंट बढ़ा दिया है. पार्टी ने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में अपने सांसदों की पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है, जिसमें एनडीए के सांसद भी शामिल हैं. इसका उद्देश्य दिल्ली के हर इलाके तक सीधे पहुंच बनाना और वोटरों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. शनिवार को एनडीए के करीब 246 सांसदों ने दिल्ली के विभिन्न मंडलों में जाकर वोट मांगे और चुनावी प्रचार किया. यह सांसद रविवार को भी अपने-अपने क्षेत्रों में न जाकर दिल्ली में रहकर प्रचार करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी सांसदों से अपील की थी कि वे इस सप्ताह अपने गृह क्षेत्र में न जाएं, बल्कि दिल्ली में रहकर चुनाव प्रचार को गति दें. इस रणनीति के तहत बीजेपी हर स्तर पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भरपूर मेहनत कर रही है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी के अलावा, अन्य एनडीए सहयोगी दलों जैसे जेडीयू, शिवसेना, एलजेपी और टीडीपी के सांसद भी पूरी सक्रियता से जुटे हुए हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 31 दिसंबर को संसद परिसर में एनडीए सांसदों की बैठक आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने सांसदों से अपील की थी कि वे दिल्ली में प्रचार के लिए मंडल स्तर तक पहुंचें और बीजेपी और एनडीए के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगें. इस रणनीति के तहत, दिल्ली के हर छोटे से छोटे क्षेत्र में चुनावी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.

जेपी नड्डा की अपील

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अपील के बाद, सांसदों की ड्यूटी को लेकर पार्टी ने एक मजबूत योजना बनाई है. इन सांसदों को उपयुक्त विधानसभा क्षेत्रों के मंडलों में प्रचार करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. दिल्ली बीजेपी के जिला अध्यक्षों की टीम, जिसमें 5-6 सदस्य शामिल हैं, इन सांसदों को कोऑर्डिनेट कर रही है. यह टीम पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से काम कर रही है, जहां वे राज्यवार डेमोग्राफ़िक डेटा के आधार पर सांसदों को उपयुक्त क्षेत्रों में भेजने की योजना बना रही है. इस तरह से स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर, सांसद विभिन्न मंडलों में चुनावी प्रचार में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं.

दिल्ली की गलियों में पहुंचकर चुनाव प्रचार

दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी ने माइक्रो मैनेजमेंट की मिसाल पेश की है. पार्टी ने सांसदों को उनके राज्य के बहुलता वाले इलाकों और मंडलों में कार्य सौंपा है. कई जगहों पर एक ही मंडल में दो एनडीए सांसदों की जिम्मेदारी तय की गई है, ताकि प्रचार और वोट मांगने में अधिक प्रभावी परिणाम मिल सके. बीजेपी के बूथ लेवल कार्यकर्ता और विस्तारक सांसदों के साथ दिल्ली की गलियों में पहुंचकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस प्रक्रिया को इस तरह से सूक्ष्म रूप से योजनाबद्ध किया गया है कि यदि किसी मंडल में बिहार के छपरा, सिवान और महाराजगंज के निवासी वोटर हैं, तो वहां इन जिलों के सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है. इस रणनीति से दिल्ली के हर कोने में लक्षित और प्रभावी प्रचार किया जा रहा है.

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