Parliament Winter Session: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी चली तलवार, 45 विपक्षी सांसदों को किया गया निलंबित

Parliament Winter Session: निलंबित किए गए सांसदों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, समेत कई विपक्षी नेताओं के नाम शामिल है.

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हाइलाइट्स

  • लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी चली तलवार,
  • 45 विपक्षी सांसदों को किया गया निलंबित

Parliament Winter Session: संसद की सुरक्षा में हुई 13 दिसंबर को भारी चूक मामले को लेकर आज भी राजनीतिक माहौल गर्माया रहा. सभी विपक्षी दल आज भी केंद्र सरकार पर हमलावर रहे. जिसकी गूंज लोकसभा और  राज्यसभा दोनों में ही  देखने को मिली. इस बीच लोकसभा से 33  सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद अब राज्यसभा से भी 45 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है.

इन सांसदों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, समीरुल इस्लाम, फैयाज अहमद, अजीत कुमार, ननारायन भाई जेठवा, रंजीत रंजन, रणदीप सुरजेवाला, रजनी पाटिल, एम संगम्म, अमी याग्निक, फूलो देवी नेताम और मौसम नूर का नाम शामिल है. बता दें कि निलंबित किए गए इन 45 सांसदों में से 34 को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों और 11 सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किया गया. 


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क्यों किया गया निलंबित 

संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर विपक्षी दलों द्वारा हंगामा करने के दौरान ये एक्शन लिया गया है. जिसपर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कई सदस्यों द्वारा जानबूझकर सदन की कार्यवाही में अड़चन डाली जा रही है. जिसके चलते हाउस का काम सुचारू रूप से नहीं चल प रहा है. इसी वजह से शीतकालीन सत्र के बचे दिनों के लिए सदन से निलंबित किया जा रहा है. इस दौरान सभापति ने कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा कि मुझे शर्म आ रही है कि हम जनता की भावनाओं की और उनकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं. 

क्या बोले केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल?

इस दौरान विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने को लेकर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों सदनों( राज्यसभा, लोकसभा) में विपक्ष और घमंडिया गठबंधन (इंडिया एलायंस) के सदस्यों ने सदन में भारी हंगामा कर उसका अपमान किया है. गोयल ने कहा देश में लोकतंत्र के मंदिर को इन लोगों ने  शर्मिंदा कर स्पीकर ओम बिरला और जगदीप धनखड़ का अपमान किया है. 

लोकसभा से भी निलंबित हुए सांसद

राज्यसभा से सांसदों को निलंबित किए जाने से पहले लोकसभा से भी संसद की सुरक्षा में भारी चूक मामले पर हंगामा करने को लेकर 33 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. इस सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन, अपूर्वा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, मोहम्मद वासीर, जी सेलवम, सीएन अन्नादुरैय, डॉ टी सुमती, के नवासकानी, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, असिथ कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एनटो एंटनी

एस एस पलनामनिक्कम, तिरुवरुस्कर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस राम लिंगम, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई और टीआर बालू का नाम शामिल है. वहीं 3 संसद जिन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किया गया है, उनमे जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक का नाम शामिल है. 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर साधा  निशाना 

 

संसद के दोनों सदनों से सांसदों को निलंबित किए जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,"13 दिसंबर 2023 को संसद पर एक हमला हुआ, आज फ़िर मोदी सरकार ने संसद और लोकतंत्र पर हमला किया है.  तानाशाही मोदी सरकार द्वारा अभी तक 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर, सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है.  

इस दौरान खरगे ने आगे कहा कि सरकार से  हमारी दो सरल और सहज माँगे हैं -1. केंद्रीय गृह मंत्री को संसद की सुरक्षा में गंभीर उल्लंघन पर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए. 2. इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. 

खरगे ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी अखबार को इंटरव्यू दे सकते हैं; गृह मंत्री टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे सकते हैं. लेकिन, भारत की संसद जो देश के पक्ष-विपक्ष दोनों, पक्षों का प्रतिनिधित्व करती है, यहां भाजपा अपनी जवाबदेही से भाग रही है .