देश में अगले साल से शुरू होगी जनगणना! संप्रदाय को लेकर सवाल संभव

भारत में शुरू से ही हर दस साल पर जनगणना कराया जाता रहा है. 1991 के बाद 2001 और फिर 2011 में जनगणना कराई गई थी. जिसके बाद 2021 में फिर से जनगणना कराया जाना था. लेकिन कोरोना की वजह से नहीं हो पाया. अब 2025 में जनगणना कराए जाने की उम्मीद है.

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Courtesy: Social Media

Census of India: देश में 2011 के बाद से जनगणना नहीं की गई है. जिसे लेकर अक्सर राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती रही है. हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अब जल्द ही देश में जनगणना कराए जा सकते हैं.  2025 से लेकर 2026 तक जनगणना की प्रक्रिया पूरी हो सकती है. हालांकि 2021 में ही जनगणना कराए जाने की बात थी लेकिन कोरोना की वजह से इसे टालना पड़ा था.

भारत में शुरू से ही हर दस साल पर जनगणना कराया जाता रहा है. 1991 के बाद 2001 और फिर 2011 में जनगणना कराई गई थी. जिसके बाद 2021 में फिर से जनगणना कराया जाना था. लेकिन दुनिया में फैली महामारी ने सबकुछ बदलकर रख दिया. क्योंकि देश में हमेशा दस सालों पर जनगणना होता रहा है ऐसे में 2025 के बाद 2035 में जनगणना किए जाएंगे. जिसके साथ जनगणना का चेन पूरी तरह बदल जाएगा.

जातीगत जनगणना की मांग

जनगणना को लेकर अभी  तक कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं जारी की गई है, ना ही किसी एक तारीख को फाइनल किया गया है लेकिन जिला स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम दो से ढाई साल का वक्त लग सकता है. उससे पहले सरकार की तरफ से कुछ नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष द्वारा जातीगत जनगणना को लेकर कई वादे किए गए थे. जिसमें विपक्षी पार्टियों द्वारा यह वादा किया गया था कि अगर वो वापस आते हैं तो जातिगत सर्वे जरुर कराएंगे. जातीगत जनगणना के रिपोर्ट आने के बाद 2028 तक परिसीमन किया जा सकता है. 

संप्रदाय के आधार पर जनगणना

विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार से जातीगत जनगणना कराने की मांग कर रही है, हालांकि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. जनगणना में आमतौर पर अक्सर धर्म और वर्ग की जानकारी ली जाती है. लेकिन इस बार संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की जा सकती है. 

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