Chamoli Avalanche: उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को लगातार निकालने की कोशिश की जा रही है. बचाव अभियान के तीसरे दिन सीमा सड़क संगठन के घायल अधिकारी को एयरलिफ्ट कर जोशीमठ आर्मी अस्पताल पहुंचाया गया है. अब तक कुल 54 में से 50 बीआरओ कर्मियों को बचा लिया गया है. हालांकि बचाए गए कर्मियों में से चार की मौत हो गई.
हिमस्खलन में फंसे मजदूरों की संख्या में अंतर बताया जा रहा है. पहले कहा जा रहा था कि कुल 55 श्रमिक फंसे हुए हैं, लेकिन जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार, एक श्रमिक छुट्टी पर था और घर पर था. इस प्रकार पीड़ित श्रमिकों की कुल संख्या 54 हो गई. जिनमें से चार की मौत हो गई वहीं चार अभी भी फंसे हुए हैं. जिन्हें बाहर निकालने के लिए विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ एसडीआरएफ की टीम लगातार काम में जुटी है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी भी पहले दिन से ही बचाव अभियान की समीक्षा कर रहे हैं. घटना के बाद आज वे लगातार दूसरे दिन चल रहे बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचे. डीएम चमोली संदीप तिवारी के अनुसार डॉक्टरों ने 4 मौतों की पुष्टि की है. पहले कुल संख्या 55 थी लेकिन अब एक कर्मचारी के अनधिकृत छुट्टी पर और एक के घर पर होने के कारण कुल संख्या घटकर 54 हो गई है. बचाव कार्य में जुटे टीम ने बताया कि खोज और बचाव प्रयासों में मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें खोजी कुत्तों के साथ हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गई हैं.
मामले की गंभीरता को समझते हुए जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा बचाव कार्यों की निगरानी के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं. इस अभियान में छह हेलीकॉप्टर - भारतीय सेना विमानन कोर के तीन, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो और सेना द्वारा किराए पर लिया गया है. साथ ही एक सिविल हेलिकॉप्टर भी लगा हुआ हैं. बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित, माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आखिरी गांव है. फंसे हुए मजदूरों में हिमाचल प्रदेश के हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश के अशोक और उत्तराखंड के अनिल कुमार और अरविंद सिंह का नाम शामिल है.