Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में इस वर्ष के महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए एकत्र हुए. हालांकि, भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ श्रद्धालु बेहोश हो गए. प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बचाव अभियान शुरू किया और प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित तरीके से स्नान करें. उन्होंने विशेष रूप से 'संगम नोज' क्षेत्र में जाने से बचने की सलाह दी और श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे अपने निकटतम निर्धारित गंगा घाटों पर स्नान करें. उन्होंने कहा, 'स्नान के लिए कई घाट उपलब्ध हैं, कृपया भीड़-भाड़ से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. सुरक्षा बनाए रखने में आपका सहयोग जरूरी है.'
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर विश्वास करने या उन्हें फैलाने से बचने की भी अपील की और कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी श्रद्धालुओं को एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित अनुभव मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रयागराज में महाकुंभ मेले की स्थिति की समीक्षा की और तत्काल सहायता उपायों का आह्वान किया. विशेष कार्यकारी अधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि बुधवार सुबह कुछ अवरोधों के टूटने के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. जिससे कई लोग घायल हो गए. हालांकि स्थिति गंभीर नहीं है और सभी घायल श्रद्धालुओं का इलाज किया जा रहा है. घायल श्रद्धालुओं को सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रशासन द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बचाव अभियान जारी है.
महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है, जो हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है. इस वर्ष के महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान के लिए 80 से 100 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के एकत्र होने की उम्मीद है. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 10,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है. महाकुंभ के दौरान आगामी प्रमुख स्नान की तिथियां 3 फरवरी (बसंत पंचमी - तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा), और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) हैं. प्रशासन और सुरक्षा बल स्थिति को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं.