Deep Fake Case: ख़त्म हो सकता है "डीप-फेक" का डर, सरकार ला सकती है नया कानून

Deep Fake Case:आजकल दुनिया भर में इंटरनेट से उपजी चुनौतियों में डीप फेक का मामला एक बड़ी चुनौती बन के उभरा है. हाल ही में अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के डीप फेक का मामला सामने आने से पुरे देश में इसे लेकर चर्चा तेज़ हो गयी है.

Date Updated
फॉलो करें:

Deep Fake Case: 21वी सदी में इंटरनेट की दुनिया में हम इतना आगे निकल आएं हैं कि अगर इसपे लगाम नहीं लगा तो आने वाले भविष्य में इसके घातक परिणाम देखने को मिल सकता है. AI यानी की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से आज दुनिया भली-भांति परिचित है. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधुनिक युग का वो हथियार है जिसे अगर ठीक से इस्तेमाल किया गया तो ये दुनिया बदल भी सकता है और अगर इसका इस्तेमाल ठीक से न किया गया तो ये दुनिया में तबाही भी ला सकता है. हालाँकि इतिहास के पन्नों को पलटे तो सुविधाओं के दुरूपयोग के किस्से ज्यादा मिलते हैं. आर्टिफिशल इंटेलिजेंस भी इसी का उदहारण है. 

सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के साथ करेगी बैठक 

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से हो रही परेशानियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार डीपफेक और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए नया कानून लाने पर विचार कर रही है. जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार और शुक्रवार को सोशल मीडिया कंपनियों के अधिकारियों के साथ अलग से दो बैठकें भी बुलाई हैं. बता दें कि इन बैठकों का मुख्या एजेंडा सोशल मीडिया के चुनौतियों से निपटने के लिए आईटी नियम बनाना होगा। इसके तहत गुरुवार को होने वाली बैठक में फोटो-वीडियो से होने वाली छेड़छाड़, और शुक्रवार को होने वाली बैठक में आईटी नियमों के निर्माण और उनके सख्ती से पालन पर चर्चा की चर्चा की जाएगी. 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सशक्तिकरण करने वाले हैं. मगर इनका इस्तेमाल नुकसान पहुंचाने, समाज में टेंशन पैदा करने, अव्यवस्था पैदा करने और हिंसा फैलाने के लिए किया जा रहा है":. डीप फेक से जुडी अपनी चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि डीप फेक भारतीय इंटरनेट उपभोक्तओं लिए एक बहुत ही बड़ा खतरा साबित हो रहा है. बता दें कि  उनका इशारा हाल ही में आये डीप फेक के गलत इस्तेमाल से जुड़े हुए मामलों की तरफ था. 

बता दें, आईटी मंत्रालय ने बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के साथ बैठक करने का फैसला किया है. इन कंपनियों में वैसी सोशल मीडिया कंपनी शामिल है जिनके भारत में 5 करोड़ से ज्यादा यूज़र्स हैं. आईटी मंत्रालय के साथ होने वाली बैठक में शामिल होने वाली कंपनियों में गूगल और मेटा जैसी बड़ी और दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी भी शामिल होगी. 


अगर जरुरत पड़ी तो कानून भी बनाया जायेगा- केंद्रीय मंत्री 


केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमने पहले ही बहुत मेहनत कर के अप्रैल 2023 में आईटी नियमों को तैयार किया है . उन्होंने और जानकारी देते हुए कहा कि हम एक ढांचा बनाने वाले हैं, लेकिन ये सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं होगा . उन्होंने नए कानून के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम नया कानून भी बनांयेंगे , और ये सुनिश्चित करेंगे कि इंटरनेट से जुड़ी भ्रामक जानकारियों को रोका जा सके. उन्होंने लोगो को विश्वास दिलाते हुए कहा कि इंटरनेट पर मौजूद 1.2 अरब भारतीयों की सुरक्षा और विश्वास के लिए ऐसा किया जा रहा है.


अभिनेत्री के डीप फेक पर फूटा था लोगों का गुस्सा 

बता दें कि हाल ही में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीप फेक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो के सामने आने के बाद रश्मिका मंदाना ने इंटरनेट पर अपना गुस्सा जाहिर किया था. इसके साथ ही अमिताभ बच्चन सहित कई बड़े और चर्चित लोगों ने इसकी आलोचना की थी. 


क्या होता है डीप फेक 

बता दें कि डीप फेक फोटो  और वीडियो दोनों रूप में हो सकता है। इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। इसके लिए कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर डीप लर्निंग एप खुद ही दोनों वीडियो या फोटो को एक ही जैसा बना देता है। दरअसल यह बिलकुल वैसा है जैसे कोई छोटा बच्चा किसी चीज की नकल उतरता है। ये फोटोज ऐसे होते हैं की देखने वालों को लगता है की ये बिलकुल रियल है.  चिंता की बात ये है कि  डीप फेक फोटो और वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर के मदद से ही देखा जाता है। ए