दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी. सुनवाई के दौरान केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे. सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की ओर से पेश वकील ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करने वाली ईडी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उनकी हिरासत बढ़ाने को उचित ठहराने का कोई आधार नहीं है.
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को अदालत से केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं की आगे की जांच के लिए यह आवश्यक है, जिसे 2022 में खत्म कर दिया गया था.
जांच अधिकारी ने कहा कि मामले से जुड़े ₹100 करोड़ में से ₹45 करोड़ का पता लगा लिया गया है. अपनी हिरासत के विस्तार का विरोध करते हुए, सीएम ने वकील विवेक जैन के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया और कहा कि आवेदन "गुणों से रहित" है.
केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे जैन ने अदालत के आदेश के बाद कहा, ''हम न्यायिक रिमांड पर आपत्ति जता रहे हैं. गिरफ्तारी को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है. यह उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है.”अरविंद केजरीवाल के अलावा, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मई में गिरफ्तार उत्पाद नीति मामले के आरोपी विनोद चौहान की न्यायिक हिरासत भी 3 जुलाई तक बढ़ा दी है.
दोनों को न्यायिक हिरासत के अंत में तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था.
ईडी के वकील ने कहा कि विनोद चौहान को रुपये मिले. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गोवा चुनाव के लिए अभिषेक बोइनपल्ली के माध्यम से के कविता के पीए से 25 करोड़ रुपये लिए गए. उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने के अंत तक विनोद चौहान के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की जाएगी.
अदालत में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि मामले से जुड़ी हर चीज अंततः केजरीवाल की भूमिका पर आकर टिक गई है. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि केजरीवाल द्वारा 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप ईडी द्वारा नहीं बल्कि सीबीआई द्वारा लगाया गया था.