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दिल्ली की हवा में घुला जहर! नार्मल रेंज से 65 गुना अधिक पहुंचा पॉल्यूशन, सांस लेना मुश्किल

हाल में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि दिल्ली के अधिकांश लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. पटाखों के धुएं ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को और भी जादा खराब कर दिया है. इससे पहले पड़ोसी राज्यों द्वारा जलाए जा रहे पराली के कारण प्रदूषण स्तर काफी बढ़ा हुआ था.

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Courtesy: Social Media

Delhi Pollution: दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल होने का नाम नहीं ले रहा है.  दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में AQI खतरनाक के लेवल को भी पार कर चुका है. दिवाली के बाद भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी के कई ईलाकों में एक्यूआई पांच सौ के पार रहा. जो की  WHO द्वारा निर्धारित सीमा से 65 गुना जादा है. किसी भी क्षेत्र का एक्यूआई 200-300 के बीच हो तो उसे 'खराब' माना जाता है. वहीं 301 और 400 पर 'बहुत खराब', 401 और 450 पर गंभीर और 450 से ऊपर 'गंभीर-प्लस' माना जाता है. 

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 12 घंटे के भीतर एक्यूआई में 150 से अधिक अंकों तक बढ़ गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्डद्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय AQI के प्रति घंटे अपडेट प्रदान करने वाले समीर ऐप के अनुसार, अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, आया नगर, बवाना, बुराड़ी, मथुरा रोड, दिल्ली एयरपोर्ट, द्वारका, जहाँगीरपुरी, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, वज़ीरपुर, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, नजफ़गढ़ और अन्य मौसम-निगरानी स्टेशनों पर "बहुत खराब" वायु गुणवत्ता दर्ज की गई.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दी जानकारी

दिल्ली वायु प्रदूषण और दिवाली केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिवाली के एक दिन बाद शुक्रवार को शहर की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. राजधानी के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 से अधिक दर्ज किया गया. जिससे लोगों में स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और भी ज्यादा बढ़ गई हैं.

हाल में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि दिल्ली के अधिकांश लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है. पटाखों के धुएं ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को और भी जादा खराब कर दिया है. इससे पहले पड़ोसी राज्यों द्वारा जलाए जा रहे पराली के कारण प्रदूषण स्तर काफी बढ़ा हुआ था. सर्वे के दौरान हर परिवार में कम से कम एक सदस्य को गले में खराश और खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं की शिकायत मिली. इसके अलावा आंख और नाक में जलन की भी समस्या देखी गई. 

कंट्रोल करने की कोशिश 

दिल्ली के प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार सख्त एक्शन भी लिए. दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-2 लागू किया गया. जिसके मुताबिक कई चीजों पर पाबंदी लगाई गई. ट्रैफिक के नियमों में भी बदलाव किया गया. हालांकि इसका जादा असर देखने को नहीं मिला. हर दिन हालत और भी जादा खराब होती गई. इसी बीच दिवाली के कारण ये पॉल्यूशन का स्तर और भी  ज्यादा बढ़ गया. हालांकि इसे कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा पानी का छिड़काव और ट्रैफिक पर कंट्रोल किया जा रहा है. 

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