कावंड यात्रा के कारण दिल्ली वालों की बढ़ी मुसीबत! डीजे की आवाज से लोग परेशान, कई रास्ते बंद

कांवड़ यात्रा के कारण दिल्ली की सड़कों पर भारी जाम लग रहा है. बूम बॉक्स से तेज संगीत और ट्रकों की भीड़ ने निवासियों को परेशान कर दिया है. दक्षिण-पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, महारानी बाग और आश्रम में हालात बदतर हैं.

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Courtesy: Social Media

Kanwar Yatra: दिल्ली में कांवड़ यात्रा के दौरान बूम बॉक्स से लदे ट्रकों और तेज संगीत ने यातायात और स्थानीय निवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. निवासियों का कहना है कि उनकी शिकायतों पर दिल्ली पुलिस ध्यान नहीं दे रही. दक्षिण, पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में स्थिति खास तौर पर खराब है.

कांवड़ यात्रा के कारण दिल्ली की सड़कों पर भारी जाम लग रहा है. बूम बॉक्स से तेज संगीत और ट्रकों की भीड़ ने निवासियों को परेशान कर दिया है. दक्षिण-पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, महारानी बाग और आश्रम में हालात बदतर हैं. स्थानीय लोगों ने शोर और कंपन की शिकायत की है. यह खासकर छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है.

आसपास के लोगों की शिकायतें

न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की आरडब्ल्यूए अध्यक्ष चित्रा जैन ने कहा कि बूम बॉक्स का शोर असहनीय है. यह पढ़ाई और बुजुर्गों के लिए समस्या है. जीके II के संजय राणा ने बताया कि रात में तेज संगीत और ट्रकों से जाम की स्थिति बन रही है. तीर्थयात्री यातायात नियम तोड़ रहे हैं. जंगपुरा के एक निवासी ने कहा कि मेरे बुजुर्ग माता-पिता रात में सो नहीं पाते. पुलिस को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं. दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीसीपी हेमंत तिवारी ने कहा कि हमने समर्पित गलियारे बनाए हैं. 600 कर्मचारी तीन शिफ्टों में तैनात हैं. 21 कांवड़ शिविरों में चौबीसों घंटे पुलिस मौजूद है. पुलिस को शुक्रवार से 200 शिकायतें मिली हैं, जिनमें ज्यादातर शोर और जाम से संबंधित हैं.

तीर्थयात्रियों से शोर कम करने की अपील

पूर्वी दिल्ली में एनएच 9, एनएच 24 और अक्षरधाम तक तीर्थयात्रियों की भीड़ है. पटपड़गंज के एक निवासी ने कहा कि शोर 80 डेसिबल से ज्यादा है. मेरी मां को दिल की बीमारी है, नींद नहीं आती. पूर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धानिया ने बताया कि हमने 1,000 कर्मचारी तैनात किए हैं. शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो रही है. हम तीर्थयात्रियों से शोर कम करने को कहते हैं. कुछ मामलों में साउंड सिस्टम की वायरिंग भी हटाई गई. निवासियों ने शोर से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों की शिकायत की है. खासकर बुजुर्गों और मरीजों को नींद में दिक्कत हो रही है. कॉलोनियों में रात में तीर्थयात्रियों के आने से ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है. स्थानीय लोग धार्मिक उत्साह का सम्मान करते हैं, लेकिन शोर और जाम को लेकर नाराज हैं.

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