ECI ने ज्ञानेश कुमार के खिलाफ राहुल गांधी के आरोपों को किया खारिज, दावे को बताया गलत और निराधार

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए वोट चोरी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. आयोग ने इन आरोपों को 'गलत और निराधार' बताया.

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Courtesy: Social Media

Rahul Gandhi: भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए वोट चोरी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. आयोग ने इन आरोपों को 'गलत और निराधार' बताया. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि विपक्षी मतदाताओं के वोट चुनिंदा तरीके से हटाए जा रहे हैं.

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की बातें तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. आयोग ने कहा कि जनता का कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन वोट डिलीट नहीं कर सकता. किसी भी मतदाता का नाम हटाने से पहले उसे सुनवाई का मौका दिया जाता है. आयोग ने यह भी बताया कि 2023 में कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कुछ कोशिशें हुई थीं, लेकिन वे असफल रहीं. इस मामले में आयोग ने स्वयं प्राथमिकी दर्ज की थी. आयोग के अनुसार, अलंद विधानसभा सीट 2018 में भाजपा के सुभाध गुट्टेदार और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल ने जीती थी. आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में हेरफेर के दावों की जाँच की जा रही है.

राहुल गांधी का तीखा हमला

राहुल गांधी ने गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार 'लोकतंत्र को नष्ट करने वालों का बचाव' कर रहे हैं. गांधी ने दावा किया कि दलित, ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों को हटाने की साजिश चल रही है. उन्होंने कर्नाटक के अलंद क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ 6,018 वोटों को फर्जी तरीके से हटाया गया.

गांधी ने आरोप लगाया कि यह काम सॉफ्टवेयर और प्रतिरूपण के जरिए किया गया. उनके मुताबिक, कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी विलोपन आवेदन दाखिल किए गए. राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर जाँच में बाधा डालने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में 18 पत्र लिखकर आयोग से आईपी एड्रेस, डिवाइस पोर्ट और ओटीपी जैसे विवरण मांगे, लेकिन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया. गांधी ने दावा किया कि आयोग यह जानकारी छिपा रहा है, क्योंकि इससे साजिश का पर्दाफाश हो सकता है.

कैसे हुई वोट हटाने की कोशिश?

राहुल गांधी ने बताया कि वोट हटाने के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया. इस सॉफ्टवेयर ने बूथ सूची से पहले नाम को चुनकर फर्जी विलोपन आवेदन भरे. उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया सुनियोजित थी और इसका मकसद विपक्षी मतदाताओं को निशाना बनाना था. चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदाता सूची की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त नियम हैं. आयोग ने जनता से अपील की कि वे गलत जानकारी पर ध्यान न दें. आयोग ने यह भी कहा कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी अनियमितता की जांच पूरी गंभीरता से की जाएगी.

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