जम्मू कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे और हरियाणा में केवल एक चरण में ही चुनाव होगा. तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. वहीं हरियाणा में 1 अक्टूबर को मतदान होगा. दोनों राज्यों के मतदान की गणना 4 अक्टूबर को होगी.
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा का चुनाव होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि हमारी टीम जम्मू-कश्मीर और हरियाणा राज्य का दौरा किया था जिसके बाद हम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में पिछला चुनाव वर्ष 2014 में हुआ था. उस समय कुल 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ था जिसमें भाजपा सबसे ज्यादा वोट के शेयर के साथ सीटों के मामले में दूसरे नबंर की पार्टी थी. इस चुनाव में पीडीपी 28 सीटों के साथ बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
अब राज्य के नए सिरे से परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा की सीटें हो गई हैं. जम्मू-कश्मीर में करीब 87 लाख मतदाता हैं जिसमें से 42.62 लाख महिला मतदाता हैं और 44.46 लाख पुरुष मतदाता हैं. इसमें 3.71 लाख पहली बार मतदान करेंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 11838 मतदान केंद्र हैं. हर केंद्र पर लगभग 735 मतदाता हैं. महिला और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं की अंतिम सूची 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद 20 अगस्त को जारी कर दी जाएगी.
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं. हरियाणा में 2019 में पिछला विधानसभा चुनाव भी एक ही चरण में हुआ था. 21 अक्टूबर 2019 को हुए चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला , लेकिन भाजपा इस चुनाव में 90 में से 40 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कांग्रेस को 31 और जेजेपी को 10 सीटें मिली थीं. भाजपा ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हरियाणा में 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं जिसमें से 85 लाख नए मतदाता है. मतदान के लिए के लिए कुल 20629 मतदान केंद्र होंगे.
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