चुनाव के ऐलान से पहले जम्मू-कश्मीर में बड़ा फेरबदल, 200 प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. इससे पहले सरकार ने जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है. सरकार ने 200 अधिकारियों का तबादला किया है. राज्य में 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा के चुनाव होने हैं. जम्मू-कश्मीर की राजनैतिक पार्टियों का कहना है कि जल्द से जल्द चुनाव हो, ताकि राज्य में लोकतंत्र बहाल हो सके.

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चुनाव आयोग शुक्रवार को विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने वाला है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों का बिगुल बज सकता है लेकिन चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही जम्मू-कश्मीर में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है. चुनाव से पहले अफसरों की तैनाती में काफी फेरबदल की गई है. सरकार ने 200 सिविल और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया है.

IAS अभिषेक शर्मा को राजौरी का उपायुक्त बनाया गया है जो पहले सांबा के उपायुक्त थे. विकास कुंडल पहले जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे. उनको जम्मू-कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार के साथ पुंछ का उपायुक्त नियुक्त किया गया है. माजिद खलील अहमद द्राबू को आईसीपीएस जम्मू-कश्मीर का मिशन निदेशक बनया गया है जो पहले जम्मू-कश्मीर में  विधिक माप विज्ञान नियंत्रक के पद पर तैनात थे. शकील यूआई रहमान राथर को कश्मीर के पुष्प एवं उद्यान विभाग का निदेशक बनाया गया है. इससे पहले शकील यूआई रहमान राथर बांदीपोरा के डिप्टी कमिश्नर थे.

आज EC करेगा तारीखों की घोषणा

साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य को दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था. इसके बाद राज्य में पहला चुनाव होगा. चुनाव आयोग की तरफ से गठन की गई टीम कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करके लोटी है. अब आज चुनाव आयोग राज्य में विधानसभा के चुनाव के तारीखों को लेकर घोषणा कर सकता है. जम्मू-कश्मीर की राजनैतिक पार्टियां राज्य में विधानसभा के चुनाव को जल्दी कराने की मांग कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी जम्मू-कश्मीर के विधानसभा के चुनाव को कराने का समय सितंबर के अंत तक का दिया हुआ है.

कुल 90 सीटों पर होंगे चुनाव

जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की देरी की वजह राज्य में परिसीमन का नहीं होना था. साल 2022 के मई में परिसीमन का काम पूरा कर लिया गया जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा की सीटें हो गई हैं. इस प्रकार जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीट हैं. इससे पहले 2014 में कुल 87 सीटें थीं जिसमें 37 जम्मू, 46 कश्मीर और 6 लद्दाख में थीं. 

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